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( २३ )
उबरु अंबरु आमलीय अगरु असोय महल्ल ॥ १५ ॥ करवर करपट करुणतर करबंदी करवीर । कुडा कडाह कयंत्र कड करब कदलि कंपीर ॥ १६ ॥ वेयलु वनलु बउल वडो वेडस वरण चिडंग । वासंती वारिणि विरह वंसियाली चण चंग ॥ १७ ॥ सीस मे सिंबल सिरस म सिंधुवारि सिरखंड । सरल सार साहार सय सागु तिगु सिणदंड ॥ १८ ॥ पल्लवफुल्लफलुल्लतिय रेहइ ताहि वणराइ । तहि उजिलतलि धम्मियह उल्लटु अंगि न माइ ॥९॥ ओलावी संघहतणीय कालमेघंतरपंथि । मेल्हविय तहिं दिढ घणीय वातगाल वरमंति ! प्रथमं कडवं ॥२०॥ दुविहि गुजरदेसे रिउरायविहंडणु कुमरपालु भूपालु जिणसाप्तणमंडणु तेण संठाविउ सुरठदंड हिवो अंबओ। सिरे सिरिमालकुलसंभवो पाज सुविशाल तिणि नठिय अंतरे धवल पुणु परव भराविय ॥ १ ॥ धनु सुधवलह भाउ निणि पाग पयासिय बारविसोत्तरवरसे जसु जास दिसि वासिय जिम जिम चडई तडि कडाण गिरनारह । तिम तिम ऊडई जण भवणसंसारह जिम जन सेउजलु अग्गि पालाट ए तिम तिम कलिमलु सयलु ओहट ए ॥ २ ॥ जिम निम वायइ वाउ तहि निझ्झरसीयलु । तिम निम भवदुहदाहो तणि तुट्टइ ।
निच्चलु कोइलफलयलो मोरकेकारवो । ( १४ ) सोरठ दंडाधिप ( १५ ) सेतुजल
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