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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (२२) तसु मुहदंसणु दसदिसिवि देसदेसतरु संघ । आवइ भावरसालमणउ हलि रंगतरंग ॥५॥ पोरवाडकुलमडणउ नंदणु आसाराय वस्तुपाल वरमंति तहिं तेजपालु दुइ भाय ॥ ६॥ गुरजरधरधुरिधवलवीरधवलदेवराजि बिहु बंधवि अवयारियउ सूमु दूसममाझि ॥ ७॥ नायलगच्छह मंडणउ विजयसेणउरिराउ उवऐसिहि बिहु नरपवरे धम्मि धरिउ दिढ भाउ ॥ ८॥ तेजपालि गिरिनारतले तेजलपुरु नियनामि कारिउ गढमढपवरवणु मणहरु घरि आरामि ॥ ९ ॥ तहि पुरि सोहिउ पासनिणु आसाराय विहारु । निम्मिउ नामिोह निजजणणि कुमरसरोवर फारु ॥ १०॥ ताहि नयरह पूरवदिसी उग्रसेणगढदुग्गु । आदिनिणेसरपमुहीजणमंदिरि भरिउ समग्गु ॥ ११ ॥ बाहिरिगढ दाहिणदिसिहि चउरियवेहिविसालु । लाडुकलह हियउ रडीय नडि पसु ठाइ करालु ॥ १२ ॥ तहि नयरह उत्तरदिसिहि सालव्वभसंभार । मंडण माहमंडल सयल मंडल दस उभार ॥ १३ ॥ जोइउ जोइउ भवियण पेषि गिरिहि दुयारि । दामोदरु हरिपंचमउ मुवउ रेहइ उरि ॥ १४ ॥ १७ अगुण अंजण अंबिलीय अंबाडय अंकल्लु । (७) तेना मुख दर्शन वास्ते दशे दिशामांथी भावथी रसयुक्त मनबाळा संघो देश देशांतरथी हर्षना तरंगयुकत मनथी आवे छे. (८) पोरवाड कुळना मंडण (९) बे बांधवो ए दुःसम हालमां समकाल अवतार्यों ( १०) नागेद्गच्छना मंडण विजयसेनसूरीश्वरना उपदेशथी नरप्रवर बन्ने भाइओ धर्ममां दृढ स्थापाया. (११) पोतानी माता कुमरदेवीना नामी माटुं कुमर सरोवर बंधाव्यु ( १२) चोरीनी वेदी ( १३ ) अहींआथी रेवंतगिरिनी वनराजीनुं वर्णन शरु थाय छे. For Private And Personal Use Only
SR No.020547
Book TitlePatanna Bhandaro Ane Khas Karine Tema Rahelu Apbhramsa tatha Prachin Gujarati Sahity
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChimanlal Dahyalal Dalal
PublisherMaherbanji Dadachanji Beheram
Publication Year1915
Total Pages45
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size4 MB
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