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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 158/पाण्डुलिपि-विज्ञान मुष्टी छोटे आकार की मुष्टिग्राह्य पुस्तक को मुष्टी कहते हैं । इसकी लम्बाई चार अंगुल कही गई है। इस रूप में बाद के लिखे हुए छोटे-छोटे गुटके भी सम्मिलित किए जा सकते हैं। हैदराबाद सालारजंग-संग्रहालय में एक इंच परिमाण वाली पुस्तकें हैं । वे मुष्टी ही मानी जायेगी। संपुट-फलक सचित्र काष्ठपट्टिकाओं अथवा लकड़ी की पट्टियों पर लिखित पुस्तकों को सम्पुटफलक कहा जाता है। वास्तव में, जिन पुस्तकों पर सुरक्षा के लिए ऊपर और नीचे काष्ठफलक लगे होते हैं, उनको ही 'सम्पुट फलक' पुस्तक कहते हैं । छेद पाटी जिस पुस्तक के पत्र लम्बे और चौड़े तो कितने ही हों, परन्तु संख्या कम होने के कारण उसकी मोटाई (या ऊँचाई) कम होती है उसको छेदपाटी छिवाड़ी या सृपाटिका कहते हैं। पुस्तकों की लेखन शैली से पुस्तक-प्रकार लेखन शैली के प्राधार पर पुस्तकों के निम्न प्रकार भारतीय जैन श्रमण संस्कृति भने लेखन कला' में बताये गये हैं : 1. त्रिपाट या त्रिपाठ ) ये तीन भेद पुस्तक के पृष्ठ के रूप-विधान पर 2. पंचपाट या पंचपाठ ) निर्भर हैं। 3. शुंड या शुंड . ) . . 4. चित्र पुस्तक-यह उपयोगी सजावट पर निर्भर है। 5. स्वर्णाक्षरी ) यह लेखाक्षर लिखने के माध्यम (स्याही) के विकल्प के 6. रौप्याक्षरी ) प्रकार पर निर्भर है । 7. सूक्ष्माक्षरी ) ये अक्षरों के आकार के परिमाण पर निर्भर है। 8. स्थूलाक्षरी आदि ) उक्त प्रकारों के स्थापित करने के चार प्राधार अलग-अलग हैं । ये आधार हैं : 1. पृष्ठ का रूप-विधान । 2. पुस्तक को सचित्र करने से भी पुस्तक का एक अलग प्रकार प्रस्तुत होता है । 3. सामान्य स्याही से भिन्न स्वर्ण या रजत से लिखी पुस्तकें एक अलग वर्ग की हो जाती हैं । 4. फिर अक्षरों के सूक्ष्म अथवा स्थूल परिमारण से पुस्तक का अलग प्रकार हो जाता है। कुण्डलित, वलयित या खरड़ा ऊपर जो प्रकार बताये गये हैं, उनमें एक महत्त्वपूर्ण प्रकार छूट गया है । वह कुण्डली प्रकार है जिसे अंग्रेजी में स्काल (Scroll) कहा जाता है। प्राचीन काल में फराऊनों के For Private and Personal Use Only
SR No.020536
Book TitlePandulipi Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyendra
PublisherRajasthan Hindi Granth Academy
Publication Year1989
Total Pages415
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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