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कायब्बं । पुरिसोत्तमोत्ति धम्मो सन्धजिणाणंपि तित्थेसु ॥ ८१८ ॥ एयस्स अकरणंमी माणो तह णायकम्मबंधोत्त । पत्रयण-131१७ कल्प पञ्चाशक खिंसायाणग अबोहि भववुड्डि अरिहंमि ॥ ८१९॥ पंचवतो खलु धम्मो पुरिमस्स य पच्छिमस्स य जिणस्स । मज्झिमगाण जिणाणं
जिणापंचाशक मूलम्.
चउव्वतो होति विष्णेओ ।। ८२० ॥णो अपरिग्गहियाए इत्थीए जेण होई परिभोगो। ता तन्चिरइए चिय अबभविरइत्ति पण्णागे
।। ८२१ ।। दृहवि दुविहोवि ठिओ एसो आजम्ममेव विष्णेओ। इय वयभेया दुविहो एगविहो चेव तत्तेणं ।। ८२२ ॥ अवठावतणाएँ जेट्टो विष्णेओ पुरिमपच्छिमजिणाणं | पवज्जाए उतहा मज्झिमगाणं णिरतियारो . ८२३ ।। पढिए य कहिएँ अहिगएँ परिहर
उवठावणाएँ कप्पोत्ति । छकं तीहि विसुद्धं सम्म णवएण भेएण ॥ ८२४ ॥ पितिपुत्तमाइयाणं समग पत्ताण जेट्ट पितिपभिइ । थेवंतरे विलंबो पण्णवणाए उबट्टवणा ।। ८२५ ।। सपडिक्कमणो धम्मो पुरिमस्स य पच्छिमस्स य जिणस्स । मज्झिमगाण जिणाणं कारणजाए पडिक्कमणं ॥ ८२६ ।। गमणागमण विहारे सायं पाओ य पुरिमचरिमाणं । णियमेण पडिक्कमणं अइयारो होउ वा मा वा ॥ ८२७ ॥ मज्झिमगाण उ दोसे कहंचि जायम्मि तक्खणा चेव । दोसपडियारणाए (या) गुणावहं तह पडिकमणं ॥ ८२८ ॥ पुरिमेयरतित्थयराण मासकप्पो ठिओ विणिदिवो । मज्झिमगाण जिणाणं अट्ठियओ एस विण्णेओ ।। ८२९ ॥ पडिबंधो लहुयत्तं ण जणुवयारो ण देसविण्णाणं । णाणाराहणमेए दोसा अविहारपक्वम्मि ।। ८३० ॥ कालादिदोसओ पुण ण दबओ एस कीरई णियमा। भावेण उ कायव्वो संथारगवच्चयाईहिं ।। ८३१ ॥ पज्जोसवणाकप्पोऽपेवं पुरिमेयराइभेएणं । उक्कोसेयरभेओ सो णवरं होइ विण्णेओ ।। ८३२ ॥ चाउम्मासुकोसो सत्तरि राइंदिया जहण्णो उ । थेराण जिणाणं पुण णियमा उक्कोसओ चेव ।।८३३।। दोसासइ मज्झिमगा
॥५१॥ अच्छंती (ति) उ जाव पुचकोडीवि । इहरा उ ण मासंपि हु एवं खु विदेह जिणकप्पे ॥ ८३४ ॥ एवं कप्पविभागो तइओसहणा
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