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बन्धन करणं
॥२६॥
GRICURREकर
कर्मप्रकृती 15 वमुक्कोसा । नाणंतराणि पल्लस्स मूलभागी असंखतमो ॥ ८४ ।। मोत्तूण आउगाई समए समए अवाहहाणीए । पल्लासंखियभागं
कंडं कुण अप्पबहुमेसि ।। ८५ ।। बंधाबाहाणुक्कस्स(इ)यरं कंडकअपाहबंधाणं । ठाणाणि एकनाणंतराणि अत्थेण कंडं च ।। ८६ ॥ ठिइबंधे ठितिबंधे अज्झवसाणाणसंखया लोगा । हस्सा विसेसवुड्डी आऊणमसंखगुणवुड्डी ।। ८७ ॥ पल्लासंखियभागं गंतुं दुगुणाणि जाव उक्कोसा । नाणंतराणि अंगुलमूलच्छेयणमसंखतमो ॥ ८८ ॥ ठिइदीहयाइ कमसो असंखगुणियाणि पंतगुणणाए । पढम जहण्णुकोसं वितिय जहभाइआ चरमा ।। ८९ ॥ बंधता धुवपगडी परित्तमाणिग सुभाण तिविहरसं । चउतिगबिट्ठाणगयं विवरीयतिगं च असुभाणं ॥ ९० ॥ सव्वविसुद्धा बंधंति मज्झिमा संकिलिद्वतरगा य । धुवपगडि जहन्नठिई सव्वविसुद्धा उ बंधंति ॥ ९१ ॥ तिहाणे अजहणं बिट्ठाणे जेडगं सुभाण कमा । सट्ठाणे उ जहनं अजहन्नुकोसमियरासिं ॥ ९२ ॥ थोवा जहानियाए होंति विसेसाहिओदहिसयाई । जीवा विसेसहीणा उदहिसयपुहुत्तमो जाव ॥ ९३ ।। एवं तिट्ठाणकरा बिट्ठाणकरा य आ सुभुक्कोसा । असुभाणं बिट्ठाणे तिचउट्ठाणे य उकोसा ॥ ९४ ॥ पल्लासंखियमूलाणि गंतुं दुगुणा य दुगुणहीणा य । नाणतराणि पल्लस्स मूलभागा| असंखतमो ॥ ९५ ॥ अणगारप्पाउगा बिट्ठाणगया उ दुविहपगडीणं । सागारा सव्वत्थवि हिट्ठा थोवाणि जवमझा ॥ ९६ ॥ | ठाणाणि चउट्ठाणा संखेज्जगुणाणि उवरिमे एवं । तिहाणे बिहाणे सुभाणि एगतमीसाणि ॥ ९७ ॥ उरि मिस्साणि जहबगो | सुभाणं तओ विसेसहिओ । होइऽसुभाण जहण्णो संखेज्जगुणाण ठाणाणि ॥ ९८ ॥ बिट्ठाणे जवमझा हेट्ठा एगंत मीसगाणुवरि । एवं तिचउट्ठाणे जवमझाओ य डायठिई ।। ९९ ।। अंतो कोडाकोडी सुभविट्ठाण जवमज्झओ उवरिं । एगंतगा विसिट्टा सुभजिट्ठा डायठिइजेहा ॥ १० ॥ संखेज्जगुणा जीवा कमसो एएसु दुविहपगईणं । असुभाणं तिट्ठाणे सव्वुवरि विसेसओ अहिया॥१०१॥
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