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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir औदयिक भेदादि जावसमासा उवसमिओ खइओ मीसो य मोहजा भावा । उवसमरहिया पाइसु हाँति उ सेसाई ओदइए ॥ २६६ ॥ केवलिय नाणदंसण ७ भावद्वारा खाइयसम्मं च चरणदाणाई । नव खइया लद्धीओ उवसमिए सम्म चरणं च ॥ २६७ ॥ नाणा चउ अण्णाषा तिमि उ ।।२५३॥ दंसण तिगं च गिहिधम्मो । बेयय चउ चारित्तं दाणाइग मिस्सगा भावा ॥ २६८॥ गइकायवेयलेसाकसाय अबाण अजय अस्स पणी । मिच्छाहारे उदया जियभवियरत्तियसहावो ।। २६९ ॥ धम्माधम्मागासा कालोति य पारिणामिओ भावो । खंधा देस 81 पएसा अणू य परिणाम उदएण ।। २७० ॥ भावदारं ।। थोवा नरा नरेहि य असंखगुणिया हवंति नेरइया । तत्तो सुरा सुरेहि य सिद्धार्णता तो तिरिया ।। २७१ ॥ थोवाउ मणुस्सीओ नरनरयतिरिक्खिओ असंखगुणा । सुरदेवी संखगुणा सिद्धा तिरिया अणतगुणा ।। २७२ ॥ थोवा य तमतमाए कमसो घम्मतया असंखगुणा । थोवा तिरिक्खपज्जत्तसंख तिरिया अणंतगुणा ॥२७३।। थोवाणुत्तरवासी असंखगुणवड्डी जाव सोहम्मो । भवणेसु वंतरेसु य संखेज्जगुणा य जोइसिया ॥ २७४ ॥ पंचिंदिया य थोवा विवज्जएण वियला विससहिया । तत्तो य अर्णतगुणा आणिदिएगिदिया कमसो ।। २७५ ।। थोवा य तसा तत्तो तेउ असंखा तओ विसेसहिया । कमसो भृदगवाऊ अकाय हरिया द्र अणंतगुणा ।। २७६ ।। उवसामगा य थोवा खवग जिणे अप्पमत्त इयरे य । कमसो संखेज्जगुणा देसविरय सासणेऽसंखा ॥२७७।। | मिस्साऽसंखेज्जगुणा अविरयसम्मा तओ असंखगुणा । सिद्धा य अणतगुणा तत्तो मिच्छा अणतगुणा ।। २७८ ।। सुरनरए सासाणा थोवा मीसा य संखगुणयारा । तत्तो अविरयसम्मा मिच्छा य भवे असंखगुणा ॥ २७९ ।। तिरिएसु देसविरया थोवा सासायणा असंखगुणा । मीसा य संख अजया असंख मिच्छा अणंतगुणा ।। २८०॥ मणुया संखेज्जगुणा गुणीसु मिन्छा भवे असंखंगुणा । ॥२५३॥ For Private and Personal Use Only
SR No.020535
Book TitlePanchashak Mulam
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
Author
PublisherRushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha
Publication Year1928
Total Pages372
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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