SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 245
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवसमासे ढ़ाणमिइ तं भवे सपडिवक्खं । उज्जुमई विउलमई मणनाणे केवल एक ॥ ६४ ॥ मइय मिच्छा साणा विभंग समणे य मीसए| चारित्रनि१सत्पदमीसं । सम्मच्छउमाभिणिसुओहि विरयमण केवल सनामे ॥ ६५ ॥ अजया अविरयसम्मा देसे विरया य हुंति सहाणे । सामाइय-17 ग्रन्धदर्शप्ररूपणायां | छेयपरिहारसुहमअहक्खाइणो विरया ।। ६६ ।। सामाइयछेया जा नियट्टि परिहारमप्पमत्ता । सुहमा सुहुमसरागे उवसंताई परिहारसाणEEMAHIS &ानलेश्या सम्यक्त्व ॥२४॥ अहक्खाया ॥ ६७ ॥ समणा पुलाय बउसा कुसील निग्गंथ तह सिणाया य।आइतियं सकसाई विराय छउमा य केवलिणो॥६८॥ भव्याहारेषु चउरिंदियाइ छउमे चक्खु अचक्खू य सव्व छउमत्थे । सम्मे य ओहिदंसी केवलदंसी सनामे य ॥ ६९॥ किण्हा नीला काऊ | जीवगुणाः अविरयसम्मंत संजयंतऽपर । तेऊ पम्हा सण्णऽप्पमायसुक्का सजोगता ।। ७० ॥ पुढविदगहरिय भवणे वण जोइसिया असंखनर अजीवाश्च तिरिया । सेसेगिंदियवियला तियलेसा भावलेसाए ॥ ७१ ॥ काऊ काऊ तह काउनील नीला य नीलकिण्हा य । किण्हा य | परमकिण्हा लेसा रयणप्पभाईणं ।।७२।। तेऊ तेऊ तह तेऊ पम्ह पम्हा य पम्हसुक्का य । सुक्का य परमसुक्का सक्कादिविमाणवासीणं ॥७३॥ देवाण नारयाणं दब्बल्लेसा हवंति एयाउ । भवपरित्तीए उण नेरइयसुराण छल्लेसा॥७४|| मिच्छद्दिट्टि अभव्या भवसिद्धीया य सब्बठाणेसु । सिद्धा नेव अभव्या नवि भव्वा हुंति नायव्वा ।। ७५ ॥ मइसुयनाणावरणं दंसणमोहं च तदुवघाईणि । तप्फड्डगाई दुविहाई सव्वदेसोवघाईणि ॥ ७६ ॥ सव्वेसु सब्बधाइसु हएसु देसोवघाइयाणं च । भागेहि मुच्चमाणो समए समए अणंतेहिं ॥२४॥ ॥ ७७ ॥ खीणमुइण्णं सेसयमुवसंतं भण्णए खओवसमो । उदयविघाय उवसमो खओ य दंसणतिगाघाओ ॥ ७८ ॥ उवसमवेयग खइया अविरयसम्माइ सम्मदिट्ठीसु । उवसंतमप्पमत्ता तह सिद्धता जहाकमसो ।। ७९ ॥ वेमाणिया य मणुया रयणाए असंखवासतिरिया य । तिचिहा सम्मद्दिडी वेयगउवसामगा सेसा ।। ८० ।। अस्सण्णि अमणपंचिंदियंत सण्णी उ समण छउमत्था । नोसण्णि REKASASARASHRESS % % % % For Private and Personal Use Only
SR No.020535
Book TitlePanchashak Mulam
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
Author
PublisherRushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha
Publication Year1928
Total Pages372
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy