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दशशास्त्रीय लोगपसंसा सवण्णुसासण एरिसं सुदिट्ठति । बोहीबीयाराहण एवं सव्वत्थ विष्णेयं ॥३४॥ आसन्नसिद्धियाण लिंग सुत्ताणुसारओबुद्धिदृष्टा
दाचव । उचियत्तणे पवित्ती सव्वत्थ जिणमि बहमाणा ॥ ३५॥ आयपरपरिचाओ आणाकोवेण इहरहा णियमा। एवं विचिंतियव्वलन्तानासूचा
सम्म अइणिउणबुद्धीए ॥३६॥ बुद्धिजुया खलु एवं तत्तं बुझंति ण उण सव्वेवि । ता तीइ भेयणाए वोच्छं तब्बुट्टिहेउत्ति ॥३७॥ आत्पात्त| उप्पत्तिय वेणइया कम्मय तह पारिणामिया चव । बुद्धी चउन्विहा खलु निद्दिट्ठा समयकेऊहिं ।। ३८ ॥ पुव्वं अदिमस्सुयमवेइया
वथा ॥१४७॥
तक्खणविसुद्धगहियत्था । अव्याहयफलजोगा बुद्धी उप्पत्तिया नाम ।।३९ । भरहसिल-पणिय-रुक्खे-खड्ग-पड-सरड-काय-उचारे । गय-घयण-गोल-खंभे, खुड्डग-मग्गि-त्थि-पइ-पुत्ते ॥ ४० ॥ भरहसिल-मिंढ-कुक्कुड-तिल-बालुग-हत्थि-अगड-चणसंडे । पायसअइया पत्ते खाडहिला पंच पियरो य ।। ४१ ।। महुसित्थ-भुद्दियं-के-णाणए भिक्खु-चेडग-निहाणे । सिक्खा य अत्थसत्थे इच्छा य महं सयसहस्से ॥ ४२ ॥ भरनित्थरणसमत्था तिवग्गसुत्तत्थगहियपेयाला । उभओलोगफलवई विणयसमुत्था हवइ बुद्धी ॥४॥ णिमित्ते अत्थसत्थे य लेहे गणिए य कूब आसे य। गद्दभ लक्खण गठी अगए गणिया य रहिए य ॥४४॥ सीआ साडी दीहं च तणं अवसव्वयं च कुंचस्स । तिब्बोदए य गोणे घोडगपडणं च रुक्खाओ ॥ ४५ ॥ उवओगदिसारा कम्मपसंगपरिघोलणविसाला ।
साहुक्कारफलबई कम्मसमुत्था हवइ बुद्धी ॥ ४६॥ हेराण्णए करिसए कोलिय डोवे य मुत्ति-घय-पवए । तुण्णाय-बड्डई पूइए य 8 घड चित्तकारे य ।। ४७॥ अणुमाणहेउदिटुंतसाहिया वयविवागपरिणामा । हियनिस्सेयसफलवई बुद्धी परिणामिया नाम ॥४८॥
अभए सेविकुमारे देवी उदिओदओ हवइ राया । साहू य शंदिसणे धणदत्ते सावग-अमच्चे ॥४९॥ खमए अमञ्चपुत्ते चाणक्के चेव थूलभद्दे य । नासिकसुंदरी णंद बहर परिणामिया बुद्धी ॥५०॥ चलणाहण आमंडे मणी य सप्पे य खग्ग-धूभिंदे । परिणामिय-12
॥१४७॥
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