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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अरियसच्च 574 अरियसुख 2(2).84; - गुण पु., तत्पु. स. [आर्यसङ्घगुण], उत्तम अरियसावक पु., कर्म. स. [आर्यश्रावक], शा. अ. उत्तम भिक्षुसङ्घ का गुण - णा प्र. वि., ब. व. - अनुत्तरं पुञ्जक्खेत्तं शिष्य, ला. अ. स्रोतापत्ति, सकृदागामी, अनागामी एवं लोकस्सा ति एवं अरियसङ्घगुणाति अनुस्सरितब्बा, अर्हत्व के मार्ग पर मौजूद चार प्रकार के शैक्ष्य शिष्य, बुद्धों, विसुद्धि. 1.210; अरियसङ्घगुणाति आरकत्ता किलेसेहि, ... अर्हतों आदि के धर्मोपदेश को सुना हुआ व्यक्ति - को प्र. अरियानं वा सङ्घो अरियसङ्घो, तस्स गुणा, विसुद्धि. महाटी.. वि., ए. व. - एते च पटिविज्झि यो गहट्ठोसुतवा अरियसावको 1.262. सपओ, सु. नि. 90; तस्सेव लक्खणस्स अरियानं सन्तिके अरियसच्च नपुं.. कर्म./तत्पु. स. [आर्यसत्य], क. उत्तम सुतत्ता अरियसावको, सु. नि. अट्ट, 1.131; एवं पस्सं. सत्य, ख. बुद्धों एवं अर्हतों जैसे शुद्धचित्त आर्यों द्वारा देखा भिक्खवे, सुतवा अरियसावको रूपस्मिम्पि निबिन्दति, महाव. गया सत्य, ग. क्लेशरहित चित्त की अवस्था तक पहुंचाने 19; 39; अरियसावकोति अरियस्स बद्धस्स सावको, विभ. वाला सत्य अथवा आर्य बना देने वाला सत्य - च्वं प्र. वि., अट्ठ 111. ए. व. - इदं खो पन, भिक्खवे, दुक्खं अरियसच्चं ... अरियसाविका स्त्री., कर्म. स., अरियसावक से व्यु. दुक्खसमुदयं अरियसच्चं ... दुक्खनिरोधं .... [आर्यश्राविका]. शा. अ. बुद्धों एवं अर्हतों जैसे आर्यों से दुक्खनिरोधगामिनी पटिपदा अरियसच्चं, महाव. 14; - धर्म सुन चुकी भिक्षुणी, ला. अ. स्रोतापत्ति आदि चार च्चानि प्र. वि., ब. व. - अरियसच्चानीति परिच्छिन्न- लोकोत्तर मार्गों पर स्थित भिक्षुणी .. का प्र. वि., ए. व. - धम्मनिदस्सनं, दुक्खं अरियसच्चन्ति आदिम्हि पन उद्देसवारे, पञ्चहि, भिक्खवे, वडीहि वङ्घमाना अरियसाविका अरियाय विभ. अट्ठ. 77; चत्तारो धम्मा अभिज्ञेय्या - चत्तारि वडिया ववति, स. नि. 2(2).244; सा हि भगवतो अगुपट्टायिका अरियसच्चानि, पटि. म.6; यो च बुद्धञ्च धम्मञ्च सङ्घञ्च पणीतदायिकानं साविकानं एतदग्गे ठपिता सोतापन्ना सरणं गतो, चत्तारि अरियसच्चानि सम्मप्पाय पस्सति, अरियसाविका, उदा. अट्ठ. 97; सा किर सोतापन्ना ध. प. 190; -- च्चान ष. वि., ब. व. - तपो च ब्रह्मचरियञ्च, अरियसाविका भारद्वाजगोत्तस्स ब्राह्मणस्स भरिया. म. नि. अरियसच्चान दस्सनं, खु. पा. 5.11; - च्चेसु सप्त. वि., अट्ठ. (म.प.) 2.317. ब, व. - ... भिक्खु धम्मेसु धम्मानुपस्सी विहरति चतूसु अरियसीलवत त्रि., ब. स. [आर्यशीलव्रत], बुद्धों एवं अर्हतों अरियसच्चेसु. म. नि. 1.84; -- देसना स्त्री., प्र. वि., ए. व. द्वारा उपदिष्ट शीलों एवं व्रतों का पालन करने वाला, तत्पु. स., चार आर्यसत्यों का उपदेश - का च पन साति? आर्यजनों के शीलों एवं व्रतों से युक्त - वतो पु.. प्र. वि., अरियसच्चदेसना, तेनेवाह- दुक्खं समदयं निरोधं मग्गन्ति, ए. व. - न चाहं तस्मिं दुभेय्यं, अरियसीलवतो हि सो, जा. उदा. अट्ट. 231; म. नि. अट्ठ. (म.प.) 2.66. अट्ठ. 7.240; ... अरियसीलवतोति अरियेन सीलवतेन अरियाय अरियसदिस त्रि., तत्पु. स. [आर्यसदृश], आर्यजन जैसा, च आचारसम्पत्तिया समन्नागतो, तदे.. उत्तम जनों के समान - सो पु.. प्र. वि., ए. व. - अरियसीली त्रि.. ब. स. [आर्यशील], अर्हत् आदि आर्यजनों अरियावकासोति रूपेन अरियसदिसो देववण्णो हुत्वा चरसि. के शीलों से युक्त, उत्तम शीलों का आचरण करने वालाजा. अट्ठ. 7.204. ली पु., प्र. वि., ए. व. - गोतमो सीलवा अरियसीली अरियसमाचार त्रि., ब. स. [आर्यसमाचार], उत्तम आचरण कुसलसीली कुसलसीलेन समन्नागतो, दी. नि. 1.101; वाला - रो पु., प्र. वि., ए. व. - अरियो अरियसमाचारो, चतुपारिसुद्धिसीलेन सीलवा, तं पन सील अरियं उत्तम बाळ्हं त्वं मम रुच्चसि, जा. अट्ट. 5.321; अरियसमाचारोति परिसुद्धं तेनाह अरियसीली ति, दी. नि. अट्ठ. 1.230. सुन्दरसमाचारोपि जातो, तदे... अरियसुख नपुं.. कर्म. स. [आर्यसुख], उत्तम सुख, सदाचार अरियसम्मत त्रि., कर्म, स. [आर्यसम्मत]. लोगों के बीच एवं चित्त की विशुद्धि से प्राप्त सुख - खं प्र. वि., ए. व. 'आर्य' या उत्तम व्यक्ति के रूप में पहचान रखने वाला, - द्वेमानि, भिक्खवे सुखानि.... अरियसुखञ्च अनरियसुखञ्च आर्य के रूप में माना गया व्यक्ति - ता पु., प्र. वि., ब. व. ... एतदग्गं, भिक्खवे, इमेसं द्विन्नं सुखानं यदिदं - सत्ततिंसबोधिपक्खियअरियधम्मसमायोगतो वा अरियसम्मता अरियसुखान्ति, अ. नि. 1(1).96; छ8 अरियसुखन्ति बुद्धपच्चेकबुद्धबुद्धसावका एतानि पटिविज्झन्ति, खु. पा. अपुथुज्जनसुखं, अनरियसुखान्ति पुथुज्जनसुखं अ. नि. अट्ठ. 64. अट्ठ. 2.52. For Private and Personal Use Only
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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