________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अरिय
567
अरियचङ्कम
मग्गे, सु. नि. अट्ठ. 1.185; - या' पु.. प्र. वि., ब. व. - अरिया निय्यानिका सम्बोधगामिनोति उपगन्तब्बढेन अरिया, सु. नि. अट्ठ. 2.200; - या स्त्री., प्र. वि., ए. व. - इद्धि अनासवा अनुपधिका अरिया ति वच्चति, दी. नि. 3.83; - याय' स्त्री., ष. वि., ए. व. - अरियाय ... पञआय अननुबोधा अप्पटिवेधा एवमिदं ..., दी. नि. 2.93; - याय' स्त्री., तृ. वि., ए. व. - सत्ता सुपरिहीना ये अरियाय परिहीना, इतिवु. 26; वड्डीहि वड्डमाना अरियसाविका अरियाय वड्डिया वड्डति, स. नि. 2(2).244; - यं नपुं, प्र. वि., ए. व. - अरियं उच्चासयनमहासयन, अ. नि. 1(1).210; - येन नपुं., तृ. वि., ए. व. - अरियेन आणेन .... अ. नि. 2(2).150; अरियेनाति निद्दोसेन लोकुत्तरसीलेन, अ. नि. अट्ठ. 3.145; - स्स नपुं., ष. वि., ए. व. - अरियस्स सीलस्स अननुबोधा ... ममं चेव तुम्हाकञ्च, दी. नि. 2.93; -- स्मिं नपुं., सप्त. वि., ए. व. - वसिप्पत्तो पारमिप्पत्तो अरियस्मि सीलस्मि, म. नि. 3.77; - यानि नपुं., प्र. वि.. ब. व. - अरियानि सच्चानीतिपि अरियसच्चानि विसुद्धि. 2.122. अरिय' पु., एक प्रत्येकबुद्ध - केतुम्भरागो च मातझो अरियो, म. नि. 3.116. अरिय पु., एक मछुआरा - यं द्वि. वि., ए. व. - एक अरियं नाम बालिसिकं आरब्भ कथेसि, ध. प. अट्ठ. 2.228; - बालिसिकवत्थु नपुं., अरिय नामक मछुआरे का कथानक, ध. प. अट्ठ. 2.228-229. अरिय नपुं.. आर्यभाषा, उत्तम एवं सभ्य भाषा - यं द्वि. वि., ए. व. - अरियं बुवानो वक्कङ्गो, जा. अट्ठ. 5.357; अरियन्ति
सुन्दरं निहोस, तदे.. अरियक त्रि., अरिय से व्यु. [आर्यक], आर्य या उत्तम जनों से सम्बन्धित (जन्म भाषा आदि), मागधी भाषा, म्लेच्छों से । भिन्न उत्तम जनों से सम्बद्ध - कं नपुं.. प्र. वि., ए. व. - अरियक नाम अरियवोहारो मागधभासा, पारा. अट्ठ. 1.203; - केन नपुं.. तृ. वि., ए. व. - अरियकेन मिलक्खस्स सन्तिके सिक्खं पच्चक्खाति, पारा. 30; ... अरियकेनाति
आदिमाह .... पारा. अट्ठ. 1.203. अरियकन्त त्रि., तत्पु. स. [आर्यकान्त], आर्यों या उत्तम ज्ञानी जनों के लिए प्रिय (शील), विशुद्ध चित्त वाले उत्तम जनों द्वारा इच्छित - न्तं नपुं.. प्र. वि., ए. व. - अरियकन्तं पसंसितं, थेरगा. 507; अरियकन्तन्ति अरियानं कन्तं पियायितं भवन्तरेपि अविजहनतो .... थेरगा. अट्ठ. 2.131; - न्तानि ब. व. -- अरियकन्तानि सीलानि तेसं अग्गमक्खायति, अ.
नि. 2(1).31; - न्तेहि नपुं., तृ. वि., ब. व. - अरियकन्तेहि सीलेहि समन्नागतो होति, दी. नि. 2.74%; अरियकन्तेहीति अरियानं कन्तेहि पियहि मनापेहि दी. नि. अट्ठ. 2.120; - न्तेसु नपुं.. सप्त. वि., ब. व. -- अरियकन्तेसु सीलेसु परिपूरकारिनो, अ. नि. 2(1).31; अरियकन्तेसु सीलेसु परिपूरकारिता, म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).321. अरियकमनुस्स पु., केवल ब. व. में प्राप्त, आर्य जाति वाले मनुष्य, आर्यदेशवासी मनुष्य - स्सानं ष. वि., ब. व. - अरियकमनुस्सानं ओसरणहानं नाम अत्थि, दी. नि. अट्ट. 2.117; अरियकमनुस्सानन्ति अरियदेसवासिमनस्सानं, लीन. (दी. नि. टी.) 2.123. अरियकरधम्म पु., कर्म. स. [आर्यकरधर्मन], आर्य बना देने वाला आचरण या ज्ञान, आर्य बना देने वाली बातें - म्मानं ष. वि., ब. व. - अरियकरधम्मानं अरियभावस्स च अदिद्वत्ता ..., स. नि. अट्ठ. 2.222. अरियकोटिय त्रि., अरियकोटि नामक क्षेत्र में रहने वाला, स. प. के अन्तर्गत प्राप्त - तिद्वति अरियकोटियवासीमहादत्तत्थेरो विय, म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).169; अरियकोटियमहादत्तो अमनुस्सभयेन गतोति वचनतो
लज्जामि, म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).170. अरियगण पु., तत्पु. स. [आर्यगण], उत्तम या उदात्त जनों का समूह, ब्राह्मणों का समूह - णे सप्त. वि., ए. व. - कदाहं अरियगणे च वतवन्ते अलङ्कते, जा. अट्ठ. 6.59; अरियगणेति बाह्मणगणे ते किर तदा अरियाचारा अहेसं. जा. अट्ठ. 6.64; - णा प्र. वि., ब. व. - कदास्सु में अरियगणा, जा. अट्ट, 6.62. अरियगब्भ पु., तत्पु. स. [आर्यगर्भ], उत्तम जनों का जन्म, आर्यजनों का उदय - मं द्वि. वि., ए. व. - अरियगब्भ वड्डेमी ति एक कुलपुत्तं अत्तनो सन्तिके पब्बाजेत्वा ..., अ. नि. अट्ट, 1.208. अरियगरहित त्रि., तत्पु. स. [आर्यगर्हित], उत्तम जनों द्वारा निन्दित - तं नपुं., प्र. वि., ए. व. - अनरियन्ति अरियगरहितं सब्बं असुन्दरं अपरिसद्ध कम्मं परिवज्जयाम, जा. अट्ठ. 4.48. अरियगोत्त नपुं.. तत्पु. स. [आर्यगोत्र]. आर्यों का गोत्र या कुलनाम - त्तं प्र. वि., ए. व. - ... अरियगोत्तमभिसम्भोन्तञ्च पवत्तति, अभि. ध. स. 68. अरियचङ्कम पु.. [आर्यचंक्रम], आर्यों के समान चंक्रमण -
For Private and Personal Use Only