________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अयोगक्खेमी
551
अयोनि
.... म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(2).398; - मा ब. व. - ...
अनत्थकामा अहितकामा अफासुकामा अयोगक्खेमकामा ...., पटि. म. 34; - मानि नपुं.. प्र. वि., ब. व. -
अनत्थकामानि अहितकामानि... अयोगक्खेमकामानि, विभ. 277. अयोगक्खेमी त्रि., [अयोगक्षेमिन], योगक्षेम अर्थात् भयरहित निर्वाण के पद के साक्षात्कार से बहुत दूर रहने वाला - मिनो पु.. प्र. वि., ब. व. - ते योगयुत्ता मारस्स, अयोगक्खेमिनो
जना, अ. नि. 1(2).60. अयोगी त्रि., [अयोगिन], वह, जो योग के साथ नहीं जुड़ा है, योग न करने वाला, चित्त के उपशमन हेतु योगाभ्यास न करने वाला - गिनो पु., प्र. वि., ब. व. - बाला सूरा अयोगिनो, जा. अट्ठ. 3.49; सूरा अयोगिनोति अयोनिसोमनसिकारेन सूरा, योगेसु अयुत्तताय अयोगिनो जा. अट्ठ. 3.49. अयोगुळ/अयोगुळ्ह पु., [अयोगुड़], लोहे का गोला - ळो प्र. वि., ए. व. - सेय्यो अयोगुळो भुत्तो, ध. प. 274; तत्तो आदित्तो अग्गिवण्णो अयोगुळोव भुत्तो सेय्यो सुन्दरतरो, ध. प. अठ्ठ. 2.274; - ळं द्वि. वि., ए. व. - न गण्हाति भवं किञ्चि , सुतत्तं व अयोगुळं थेरगा. 714; - ळ्हं द्वि. वि., ए. व. - तेसं मुखे तत्तं अयोगुळ्हं पक्खिपन्ति, जा. अट्ठ. 6.128; हत्थे तत्तं अयोगुळं निक्खिपेय्य, मि. प. 44; - ळे सप्त. वि., ए. व. - यथा, महाराज, पुरिसो दिवससन्तत्ते अयोगुळे जलिते तत्ते कठिते .... मि. प. 296; - कीळा स्त्री., प्र. वि., ए. व. [अयोगुड़क्रीड़ा], लोहे की गोली से खेला जाने वाला एक खेल - चण्डालन्ति अयोगुळकीळा, दी. नि. अट्ठ. 1.77. अयोग्ग पु., [अयोग्र], लोहे का मूसल, धान कूटने वाला मूसल - ग्गो प्र. वि., ए. व. - अयोग्गो मुसलो नित्थी, अभि. प. 455; तुल. अमर. 2.9. अयोधन पु./नपुं.. [अयोघन]. लोहे का घन या हथौड़ा - नो पु., प्र. वि., ए. व. - कूट वा अयोधनो, अभि. प. 526; - नं नपुं.. प्र. वि., ए. व. - अयोधनहतस्साति अयो हति एतेनाति अयोधन, उदा. अट्ठ, 352; - हत त्रि., तत्पु. स. [अयोधनहत], लोहे के घन या मूसल से कूटा गया - स्स पू. प. वि., ए. व. - अयोधनहतस्सेव जलतो जातवेदसो उदा. 179. अयोघर नपुं. [अयोगृह], लोहे का घर - रं द्वि. वि., ए. व. - अयोघरं अलङ्कारापेत्वा तं आदाय अयोघरं पाविसि, जा. अट्ठ. 4.445.
अयोघरकुमार पु., एक बोधिसत्व राजकुमार - रो प्र. वि., ए. व. - अयोघरकुमारो त्वेवस्स नाम करिंसु. जा. अट्ठ. 4.445. अयोघरचरिय नपुं., जा. अट्ठ. के एक कथानक का शीर्षक,
जा. अट्ठ. 4.444-452. अयोघरपण्डित पु., जातक कथानक में उल्लिखित एक बोधिसत्व - तो प्र. वि., ए. व. - अयोघरपण्डितो पन
अहमेव अहोसिन्ति, जा. अट्ठ. 4.452. अयोजित त्रि., युज के भू. क. कृ. का निषे. [अयोजित]. नहीं जोड़ा गया, नहीं मिलाया गया या रखा गया - तानि नपुं., प्र. वि., ब. व. - पदमालाय अयोजितानि पि तत्थ तत्थ नयतो योजितानि, सद्द. 1.247. अयोज्झ त्रि., युध के सं. कृ. का निषे. [अयोध्य], युद्ध द्वारा पराजित नहीं किए जाने योग्य, अजेय, अपराजेय - ज्झं पु., वि. वि., ए. व. - परमकुसलं उत्तमपत्तिपत्तं समणं अयोज्झं..., म. नि. 2.225; अयोज्झन्ति वादयुद्धेन युज्झित्वा चालेतुं असक्कुणेय्यं अचलं निक्कम्पं थिरं म. नि. अट्ठ. (म.प.) 2.187; - पुर नपुं, 1. आधुनिक उ.प्र. में स्थित नगर अयोध्या - रामन्वयसमुभूतो, तदायोज्झपुरागतो, चू. वं. 56.13; 2. सिआम (थाई देश) की प्राचीन राजधानी अयुथ्या - रं द्वि. वि., ए. व. - दत्त्वा अमच्चे पेसेसि,
अयोज्झपुरमुत्तमं चू. वं. 100.60.. अयोज्झा/अयुज्झा स्त्री॰ [अयोध्या], गङ्गा नदी के तट पर स्थित बुद्धकालीन नगर का नाम - युज्झायं सप्त. वि., ए. व. - भगवा अयुज्झायं विहरति गङ्गाय नदिया तीरे स. नि. 2(1).126... अयोधी त्रि., युद्ध न करने वाला, युद्ध करने में अक्षम - धिनो पु.. प्र. वि., ब. व. - अयोधिनोतिपि पाठो, किलेसमारेन
सद्धि युज्झितुं असमत्थाति अत्थो, जा. अट्ठ, 3.49. अयोनि स्त्री., [अयोनि], अनुपयुक्त पद्धति, अप्रभावकारी उपाय - नि प्र. वि., ए. व. - अयोनि हेसा, भूमिज, तेलस्स अधिगमाय, म. नि. 3.180; - या तृ. वि., ए. व. - निस्सितचित्ता अयोनिया च अयोनिसोमनसिकारेन च निद्दिसितब्बा, नेत्ति. 34; - संविधान नपुं., अनुचित या अनुपयुक्त तरीके से किया गया कार्य-निष्पादन - नेन तृ. वि., ए. व. - अयोनि संविधानेन बालो दुक्खं निगच्छति, थेरगा. 291; अयोनिसंविधानेनाति ... अनुपायसंविधानेन उपायसंविधानाभावेन बालो..., थेरगा. अट्ठ. 2.18; - सुद्धि स्त्री., अनुपयुक्त उपाय से प्राप्त की जाने वाली चित्त की
For Private and Personal Use Only