________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अब्मन्तर
454
अब्भन्तरिम
स., प्र. वि., ए. व., देवों के आम्र-वृक्ष का फल - अब्मन्तरमातिका स्त्री., धातु. के अन्तर्गत आए हुए विषयों अब्भन्तरअम्बफलं देवाति, जा. अट्ठ. 2.325.
की विस्तृत सूची - तत्थ मातिका उद्देसो सा पञ्चविधा - अब्मन्तर नपुं.. [अभ्रान्तर], मेघों के बीच वाला अन्तराल - नयमातिका, अब्भन्तरमातिका नयमुखमातिका, रे सप्त. वि., ए. व. - तदा जिनसासनं अब्भन्तरे चन्दो विय लक्खणमातिका, बाहिरमातिकाति, धातु, अट्ठ. 2: ... अयं अति परिसुद्धं न अहोसि, सा. वं. 109(ना.).
पञ्चवीसाधिकेन पदसतेन निक्खित्ता अमन्तरमातिका नाम, तदे.. अब्भन्तरं अ., क्रि. वि. [अभ्यन्तरं], आन्तरिक रूप में, भीतर अब्भन्तरवग्ग पु., जातक के एक खण्ड का शीर्षक, जा. में, भीतरी तौर पर - अब्भन्तरं पुरे आसि, ततो मज्झे ततो अट्ठ. 2.323-355. बहि.... अब्भन्तरन्ति पठम मम अब्भन्तरं आसनं आसि, जा. अब्भन्तरवात पु., तत्पु. स. [आभ्यन्तरवात]. भीतर की वायु अट्ठ, 5.211-222; अन्तरन्ति अब्भन्तरं दी. नि. अट्ठ. 1.241. - तो प्र. वि., ए. व. - ... गमसेय्यकानं मातृकुच्छितो अब्मन्तर गत त्रि., तत्पु. स. [अभ्यन्तरगत]. भीतर गया निक्खमनकाले पठम अब्भन्तरवातो बहि निक्खमति पच्छा हुआ, आन्तरिक रूप में विद्यमान - तो पु.. प्र. वि., ए. व. बाहिरवातो .... सद्द. 2.399. - अब्भन्तरगतो अवेक्खति, बहिद्धा निक्खमित्वा अवेक्खतीति? अमन्तरसीमा स्त्री., कर्म. स. [आभ्यन्तरसीमा]. भीतरी अब्भन्तरगतो अवेक्खतीति, कथा. 64; तत्थ अब्भन्तरगतोति सीमा, 15 प्रकार की सीमाओं में नौवीं सीमा, 28 हाथों की रूपस्स अन्तोगतो, इतो वा एत्तो वा अनिक्खमित्वा माप वाली सीमा - मा प्र. वि., ए. व. - सीमाय देतीति एत्थ रूपपरिच्छेदवसेनेव ठितो हुत्वाति अत्थो, कथा. अट्ठ. 133; ताव खण्डसीमा, ..., अब्भन्तरसीमा, ..., चक्कवाळसीमाति - ता ब. व. - एकविमानभन्तरगता वे महाब्रह्मानो विय, पन्नरस सीमा वेदितब्बा, महाव, अट्ठ. 392. एकस्मिं गगनहाने ठितानि द्वे चन्दमण्डलानि विय, उदा. अब्मन्तरापस्सय त्रि., ब. स. [आभ्यन्तरपश्रय], हृदय के अट्ठ. 198.
अन्दर विद्यमान, अन्दर विद्यमान - स्सयं नपुं. वि. वि.. अब्मन्तर जातक नपुं.. एक जातक का शीर्षक, जा. अट्ठ. ए. व. - को मे असत्थो अवणो, सल्लमभन्तरपस्सय, 2.323-328.
थेरगा. 757; अभन्तरपस्सयन्ति अभन्तरसखातं हदयं निस्साय अब्मन्तरदाह पु.. तत्पु. स. [आभ्यन्तरदाह]भीतर में ठितं, थेरगा. अट्ठ. 2.242; पाठा. अब्भन्तरपस्सयं, जलन, मन में जलन, आन्तरिक दाह - हो प्र. वि., ए. व. अब्भन्तरिक त्रि., [आभ्यन्तरिक], भीतरी, अत्यन्त घनिष्ट या - अन्तोदाहोति अब्भन्तरदाहो, महानि. अट्ठ. 201. समीपी, विश्वस्त, भरोसेमन्द - को पु.. प्र. वि., ए. व. - अब्मन्तरधातुप्पकोप पु.. तत्पु. स. [आभ्यन्तरधातुप्रकोप]. सो किर रञो सब्बत्थसाधको अमच्चो अब्भन्तरिको शरीर के भीतर की धातुओं की गड़बड़ी, आन्तरिक अङ्गों में अतिविस्सासिको... सहायो, जा. अट्ठ. 1.94; - का तदेव, उत्पात - अब्भन्तरधातुप्पकोपवसेन वा सीतं होति ..... ब. व. - अब्भन्तरिका तरुणदारका जानिस्सन्तीति उप्पन्नानि अब्भन्तरधातुप्पकोपवसेन वा उण्हं होति. महानि. 367; कम्मानि न करिस्सन्ति, जा. अट्ठ. 1.323; विलो. बाहिरक. अब्भन्तरधातुपकोपवसेन वाति सरीरमन्तरे आपो । अब्मन्तरिम त्रि., [अभ्यन्तरिम]. शा. अ. भीतरी, अन्दर धातुक्खोभवसेन वा अञधातुक्खोभवसेन वा, महानि. अट्ठ. वाला, भीतर में स्थित - मेन नपं, त. वि., ए. व. - तिरियं
सत्तन्तराति अब्भन्तरिमेन मानेन, पारा. 229; अब्भन्तरिमेन अब्भन्तरभूत त्रि.. [आभ्यन्तरभूत], अन्तर्गत आने वाला, मानेनाति, कुट्टस्स ... अब्भन्तरिमेन अन्तेन ... वृत्तं होति. किसी वर्ग या समूह के अन्दर स्थित -- ते नपुं.. सप्त. वि., पारा. अट्ठ. 2.40; - मा पु.. प्र. वि., ब. व. - न अब्भन्तरिमा ए. व. - अन्तरद्वके हिमपातसमयेति हेमन्तस्स उतनो बहि निक्खमन्ति, न बाहिरा अन्तो पविसन्ति, जा. अट्ठ.5. अब्भन्तरभूते माघमासस्स अवसाने चत्तारो फग्गुणभासस्स 77: ला. अ. अत्यन्त निकटवर्ती या घनिष्ट-कं पु., द्वि. आदिम्हि चत्तारोति अढदिवसपरिमाणे हिमस्स पतनकाले, वि., ए. व. - अहं तं... विस्सासिक अभन्तरिकं करिस्सामीति उदा. अट्ठ. 59.
...., म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(2).300; - मन्त पु.. कर्म. स. अब्मन्तरमण्डल नपुं., कर्म. स. [आभ्यन्तरमण्डल]. भीतरी [आभ्यन्तरिमान्त], भीतर वाला किनारा या क्षेत्र - मन्ते घेरा - लं प्र. वि., ए. व. - अन्तिममण्डलन्ति अभन्तरमण्डलं. सप्त. वि., ए. व. - अभन्तरिमन्ते पञाससहस्सग्घनिका, पारा. अट्ठ. वजिर. टी. 56.
म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(2).27.
373.
For Private and Personal Use Only