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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अपरियादान 382 अपरियोसित लिए विनय के शिक्षापदों का पालन बिना किसी नियन्त्रण अपरियिट्ट त्रि., परि + Vइस के भू. क. कृ. का निषे. [बौ. के अवश्य ही करणीय हों - उपसम्पन्नान सं. अपर्यिष्ट]. वह, जिसकी खोज-बीन नहीं की गयी है, अपरियन्तसिक्खापदानं- इदं अपरियन्तपारिसद्धिसीलं. पटि. वह, जिसको पाने की कोई कामना या इच्छा नहीं है, म. 37; - तादीनव त्रि., ब. स., अनन्त विपदाओं, सङ्कटों । अप्रार्थित, नहीं खोजा हुआ - तं मे इदं अपरियिट्ठयेव या बाधाओं से भरा हुआ - अनन्तादीनवाति लोभनं ... सत्थहारकं लद्धान्ति, म. नि. 3.322; स. नि. 2(2).68. उण्हस्स पुरक्खतो तिआदीना च दुक्खक्खन्धसुत्तादीसु अपरियेसित त्रि., उपरिवत् - पटिलाभत्थाय वा अपरियेसितं, वुत्तनयेन अपरियन्तादीनवा बहुदोसा, थेरीगा. अट्ठ. 269. विभ, अट्ठ. 8. अपरियादान नपुं.. परियादान का निषे. [बौ. सं. अपर्यादान], अपरियोगाहणा स्त्री., परि + अव + Vगाह के क्रि. ना. का शा. अ. अग्रहण, पूर्णरूप से ग्रहण न किया जाना, ला. अ. निषे॰ [अपर्यवगाहन], शा. अ. नीचे उतर कर गहरे पानी अप्रयोग, असमाप्ति, क्षय का अभाव, अभिभूत न किया जाना में प्रवेश न करना, ला. अ. सूक्ष्म परीक्षण या जांच पड़ताल - चेतसो अपरियादाना आरद्धं होति वीरियं असल्लीनं, स. न करना, गहरी परीक्षा न करना - यं अजाणं ... नि. 2(2).129. अप्पटिवेधो असङ्गाहणा अपरियोगाहणा ... अपच्चक्खकम्म अपरियादिन्न/अपरियादिण्ण त्रि., परि + आ + ।दा के ... असम्पजनं मोहो पमोहो ... अविज्जालङ्गी मोहो भू, क. कृ. का निषे. [बौ. सं. अपर्यादत्त], शा. अ. अकुसलमूलं, पु. प. 127; ध. स. 390; महानि. 306-07; अगृहीत, अप्रयुक्त, पूर्णरूप से ग्रहण न किया हुआ, ला. अ. परियोगाहितुं असमत्थताय अपरियोगाहणा, महानि. अट्ठ. नहीं समाप्त किया गया, क्षय को अप्राप्त, अनभिभूत, अपरिक्षीण 349. - सकं मुत्तकरीसं अपरियादिन्नं होति, म. नि. 1.113; अपरियोगाहेत्वा परि + अव + vगाह के पू. का. कृ. का अपरियादिन्नयेवस्स तथागतस्स पहपटिभानं, म. नि. निषे. [अपर्यवगाह्य], पर्यवगाहन या सूक्ष्म परीक्षण न 1.117; अपरियादिन्नायेवाति अपरिक्खीणायेव, म. नि. अट्ठ. करके, गम्भीर रूप से जांच पड़ताल न करके - एवं (मू.प.) 1(1).365; - चित्त त्रि., ब. स., वह, जिसका चित्त पुग्गलो अननुविच्च अपरियोगाहेत्वा अवण्णारहस्स वण्णं पूरी तरह से प्रभावित या अभिभूत नहीं हुआ है, अनभिभूत भासिता होति, पु. प. 158; अपरियोगाहेत्वाति पाय गुणे या अदुष्प्रभावित चित्त वाला - पुरिसपुग्गलो लोभेन अनभिभूतो अनोगाहेत्वा, पु. प. अट्ठ. 74. अपरियादिन्नचित्तो नेव पानं हनति, अ. नि. 1(2).219. अपरियोदात त्रि., परि + अव + दा के भू. क. कृ. का अपरियापन्न त्रि., परि + आ + vपद के भू. क. कृ. का। निषे. [अपर्यवदात]. पूरी तरह से स्वच्छ या पवित्र न किया निषे. [बौ. सं. अपर्यापन्न], अप्राप्त, अन्तर्भूत या हुआ, पूर्ण रूप से विशुद्धि को अप्राप्त - ... अपरियोदातस्स अन्तर्सन्निविष्ट न किया हुआ, असम्बद्ध, अनभिभूत - दिद्विगतं चित्तस्स परियोदपनाय, अ. नि. 197. अपरियापन्नन्ति, कथा. 409; अपरियापन्ना धम्मा, ध. स. अपरियोनद्ध त्रि०, परि + अव + निह के भू. क. कृ. का 163; तस्मिन परियापन्नाति अपरियापन्ना, ध. स. अट्ठ. 97; निषे. [अपर्यवनद्ध], शा.अ. वह, जिसे पूरी तरह से नाथा - कथा स्त्री., व्य. सं., कथा. के चौदहवें वग्ग की 9वीं नहीं गया है या जिसको नकेल नहीं डाली गयी है, ला. अ. कथा का शीर्षक, कथा. 409; - हेतु पु., कर्म. स., काम, पूरी तरह से बन्धनों से न बंधा हुआ - इति विवटेन चेतसा रूप एवं अरूप इन तीन लोकों से असम्बद्ध हेतु, 3 कुशल अपरियोनद्धेन सप्पभासं चित्तं भावेति, दी. नि. 3.1783; हेतु और 3 अव्याकृत हेतु - तत्थ कतने छ अपरियापन्नहेतू? अपरियोनद्धेनाति समन्ततो अनद्धेन, दी. नि. अट्ठ. 3.172; तयो कुसलहेतू, तयो अव्याकतहेतू, इमे छ अपरियापन्न अनज्झापन्नोति तण्हाय अनोत्थतो अपरियोनद्धो, दी. नि. हेतू ध. स. 1072; कतमे धम्मा हेत? ... छ अपरियापन्नहेतु अट्ठ. 3.178. ध. स. 1059. अपरियोसित त्रि., परि + अव + vसा के भू. क. कृ. का अपरियापुट त्रि., परियापुट का निषे., नहीं पढ़ा गया, निषे. [अपर्यवसित], समाप्ति तक न ले जाया गया, अपूर्ण, कण्ठस्थ न किया गया, वह, जिसका पूर्ण ज्ञान प्राप्त नहीं पूर्णता को अप्राप्त, स. प. के पू. प. के रूप में ही प्राप्त; किया गया है - अनुद्दिढ इदं वरं ..., अपरियापुट इदं वरं, - संकप्प त्रि., ब. स. [अपर्यवसितसंकल्प], वह, जिसका ... विनयो वा अन्तरधायतु, पाचि. 192. संकल्प पूरा नहीं हुआ है - अपरियोसितसङ्कप्पो, विचिकिच्छो लेति. अलि For Private and Personal Use Only
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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