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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अन्वावट्टन्ति/अन्वावत्तन्ति 352 अन्विच्छा चित्तस्स आवज्जना अन्वावज्जना अभोगो समन्नाहारो मनसिकारो, अ. नि. अट्ठ. 1.26. अन्वावट्टन्ति/अन्वावत्तन्ति अनु + आ + Vवत का वर्तः, प्र. पु., ब. व., किसी के आस-पास रहते हैं, चारों ओर से घेर लेते हैं, पास पहुंच जाते हैं - तस्स तथावूपकट्ठस्स विहरतो अन्वावत्तन्ति बाह्मणगहपतिका नेगमा चेव जानपदा च, म. नि. 3.158; अन्वावत्तन्तीति अनुआवत्तन्ति उपसङ्कमन्ति, म. नि. अट्ट (उप.प.) 3.121. अन्वावट्टना स्त्री., अनु + आ + Vवत से व्यु., क्रि. ना. [अन्वावर्तना], चारों ओर मडराते रहना, समीप पहुंच जाना, उपसंक्रण - सच्चविप्पटिकुसलेन वा चित्तस्स आवट्टना अनावट्टना आभोगो समन्नाहारो मनसिकारो, विभ. 435; म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).70; अनुअनु आवटेतीति अनावट्टना, विभ. अट्ठ. 472; पाठा. अनावट्टना. अन्वाविसित्वा अनु + आ + विस का पू. का. कृ., अभिभूत करके, ग्रस्त करके -मारो पापिमा अञतर ब्रह्मपारिसज्ज अन्वाविसित्वा में एतदवोच, म. नि. 1.410. अन्वाविट्ठ त्रि०अनु + आ + विस का भू. क. कृ. [अन्वाविष्ट], बुरी तरह से अभिभूत, ग्रस्त, पीड़ित - अन्वाविट्ठा खो, भिक्खवे, णगहपतिका दूसिना मारेन, म. नि. 1.419; अन्वाविठ्ठाति आवहिता, म. नि. अट्ट (मू.प.) 1(2).311. अन्वाविसति अनु + आ + विस का वर्त., प्र. पु., ए. व., भीतर प्रवेश कर जाता है, अभिभूत कर लेता है, वश में कर लेता है - सेय्यं विधि., उ. पु., ए. व. - ... यंनूनाहं ब्राह्मणगहपतिके अन्वाविसेय्यं, म. नि. 1.417-418; - विसि अद्य.. प्र. पु., ए. व. - पञ्चसालके ब्राह्मणगहपतिके अन्वाविसि, मि. प. 155. अन्वासत्त त्रि., अनु + आ + सिञ्ज का भू. क. कृ. [अन्वासक्त], बन्धन में बांध दिया गया, जाल में फंसा लिया गया, अभिभूत कर लिया गया, वशीभूत किया हुआ- .... तीहि पापकेहि अकुसलेहि वितक्केहि अन्वासत्ता, अ. नि. 3(1).176; उदा. 108; अन्वासत्ताति अनुबद्धा सम्परिवारिता, अ. नि. अट्ठ. 3.258; - ता स्त्री॰, भाव., वशीभूतता, बन्धनबद्धता - सत्था पन तीहि वितक्केहि अन्वासत्तताय ..., ध. प. अट्ठ. 1.163. अन्वास्सव अनु + आ + vसु से व्यु., क्रि. ना. [अन्वास्रव], शा. अ. ऊपर होकर निकल रहा बहाव, प्रचुर बहाव, ला. अ. चित्त के सन्तान में क्लेशों या अकुशल धर्मों की प्रचुरता - अन्वस्सुतोति इमाय पटिपत्तिया तेस तेस आरम्मणेस किलेसअन्वास्सवविरहितो, सु. नि. अट्ठ. 1.92. अन्वास्सवति/अन्वासवति अनु + आ + vसु से व्यु., वर्त, प्र. पु., ए. व. [अन्वास्रवति], शा. अ. बाहर निकल कर या ऊपर होकर बहता है, प्रचुरता के साथ रिसता या टपकता रहता है, ला. अ. अत्यधिक अभिभूत कर लेता है, किसी का अनुगमन कर उसके भीतर में भर जाता है; - न्ति वर्त, प्र. पु.. ब. व. - त्यस्स अन्तो वसन्ति अन्वासवन्ति पापका अकुसला धम्माति..., महानि. 11; अन्वासवन्तीति, किलेससन्तानं अनुगन्त्वा भुसं सवन्ति अनुबन्धन्ति, महानि. अट्ठ. 52; -- यिस्सन्ति भवि०, प्र. पु., ब. व. - एवं मे ..... नाभिज्झादोमनस्सा पापका धम्मा अन्वारसविस्सन्तीति, अ. नि. 3(1).15; - येय्यु विधि., प्र. पु., ब. व. - ... पापका अकुसला धम्मा अन्वास्सवेय्यु तस्स संवराय पटिपज्जति, स. नि. 2(2).110. अन्वास्सवन नपुं, अनु + आ + सु से व्यु., क्रि. ना., ऊपर से होकर बहाव या तरल पदार्थ का बहना, चित्तसन्तान में अकुशल धर्मों का भर जाना - ...पुग्गलं एतेसं हीनधम्मानं वस्सनतो सिञ्चनतो अन्वास्सवनतो वसलो ति नानेय्याति, सु. नि. अट्ठ 1.141. अन्वाहत त्रि., अनु + आ + हन का भू. क. कृ. [अन्वाहत], शा. अ. पीछे या बाद में पीटा गया या प्रहार किया गया, ला. अ. व्याकुल, उद्विग्न, अशान्त, केवल निषे. स. उ. प. में प्रयुक्त, अनन्वाहतचेतसो के अन्त. द्रष्ट... अन्वाहिण्डति अनु + आ + हिड का वर्त., प्र. पु., ए. व. [अन्वाहिण्डते], इधर उधर भटकता है या घूमता है, कुछ खोजते हुए इधर से उधर जाता है, विचरता है - ... महामोग्गल्लानो आयस्मा च आनन्दो अवापुरणं आदाय विहारे आहिण्डन्ति, अ. नि. 3(1).190; पाठा. आहिण्डति; - न्त वर्त. कृ., इधर उधर विचरता हुआ - ... महानामो ... भगवतो ... पटिस्सुत्वा कपिलवत्थु पविसित्वा केवलकप्पं कपिलवत्थु अन्वाहिण्डनतो नाद्दस कपिलवत्थुरिमं ... विहरेय्य, अ. नि. 1(1).312; अन्वाहिण्डन्तोति विचरन्तो, अ. नि. अट्ठ. 2230; ... उसभो छिन्नविसाणो ... रथियाय रथियं सिद्घाटकेन सिङ्घाटकं अन्वाहिण्डन्तो न किञ्चि हिंसति ..., अ. नि. 3(1).192. अन्विच्छा स्त्री., [अन्विच्छा], बार बार हो रही इच्छा, मन में पुनः पुनः उत्पन्न इच्छा - पुनप्पुन इच्छा अनविच्छा, सद्द. 2.447; पाठा. अनविच्छा. For Private and Personal Use Only
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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