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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अन्नपान 349 अन्वड्डमासं/अन्वद्धमासं सुखदा चेताति वेदितब्बा, सु. नि. अठ्ठ. 2.49; - दायक वह, जिसे भोजन एवं पेय पदार्थ प्रदान कर दिये गये है, त्रि., [अन्नदायक], अन्न या भोजन प्रदान करने वाला - खाद्यों एवं पेयों से परिपूर्ण - दसहि सद्देहि अविवित्तं, अन्नं ददाती ति अन्नदायको, क. व्या. 529; - भच्च पु., अन्नपानसमायुतं. खु. पा. अट्ठ. 89; - नादिक त्रि., ब. स. [अन्नभृत्य], भोजन के निमित्त बनने वाला सेवक, अन्न [अन्नपानादिक], अन्न एवं पेय इत्यादि - अन्नपानादिकस्स द्वारा भरण-पोषण किया जाने वाला भृत्य या सहायक - हि दसविधस्स दातब्बवत्थुनो एतं नाम, पे. व. अट्ठ. 7;अन्नभच्चा चभच्चा च, योध उद्दिस्स गच्छति, जा. अट्ठ. नादिविधि पु., तत्पु. स. [अन्नपानादिविधि], अन्न एवं 2.306; तत्थ अन्नभच्चा चभच्चा चाति पुरिसं उपनिस्साय पीने के पदार्थों का विधान - सो उपगन्त्वा ... सत्तमाय जीवमाना यागुभत्तादिना अन्नेन भरितब्बाति अन्नभच्चा, जा. ... सिरिसयनं पञापेत्वा सब्ब अन्नपानादिविधि उपट्टपेत्वा अट्ठ. 2.307; - भार' त्रि., ब. स., अन्न के भार को ढोने देवकायो विय ... होन्तु, जा. अट्ठ. 7.183; - पासनमङ्गल वाला, घसियारा, जौ से बने भोजन के भार को उठाने वाला नपुं.. तत्पु. स. [अन्नप्राशनमङ्गल], शिशु को प्रथम बार - अन्नभारनेसादानन्ति एत्थ अन्नं वच्चति यवभत्तं तं भारो अन्न ग्रहण कराए जाने का मङ्गलमय संस्कार, अन्नप्राशन एतेसन्ति अन्नभारा, अ. नि. अट्ठ. 3.42; - भार' पु., व्य. का माङ्गलिक संस्कार - कण्णवेधमहं चेव अन्नपासनमङ्गलं. सं., 1. एक परिव्राजक का नाम - अन्नभारो वरधरो चू. वं. 62.53. सकुलुदायी च परिब्बाजको अञ च अभिजाता ... अन्ना स्त्री., मां - भोति अम्मा, भोति अन्ना. .... भोति ताता, परिबाजका, म. नि. 2.204; अन्नभारोति एकस्स सद्द. 3.652; क. व्या. 115. परिब्बाजकस्स नाम, म. नि. अट्ठ. (म.प.) 2.168; अन्वक्खर नपुं., अन्वक्खरं का संक्षिप्तीकृत रूप [अन्वक्षर], 2. अनुरुद्ध थेर का पूर्वजन्मों में से एक जन्म का नाम - शा. अ. एक-एक अक्षर, प्रत्येक अक्षर, ला. अ. किसी अन्नभारो पुरे आसिं, दलिद्दो घासहारको, थेरगा. 910; - विशेष प्रकार के पाठ का एक-एक अक्षर - पदसो नाम पद, भारनेसाद पु., द्व. स., घसियारे एवं पक्षी पकड़ने वाले अनुपद, अन्वक्खरं अनुब्यञ्जनं, पाचि. 26; अन्वक्खरन्ति बहेलिए या निषाद - तथागतो धम्म देसेति अन्तमसो । एकेकमक्खरं पाचि. अट्ठ. 7. अन्नभारनेसादानम्पि, अ. नि. 2(1).114; अन्नभारनेसादानन्ति अन्वग त्रि., अनुगत के संक्षिप्तीकृत रूप अनुग के मि. सा. एत्थ अन्नं वच्चति यवभतं, तं भारो एतेसन्ति अन्नभारा, अ. पर अन्वगत का संक्षिप्तीकृत शब्दरूप, पीछे पीछे जाने नि. अट्ठ. 3.42; - संसावक पु., व्य. सं., एक स्थविर का वाला, अनुसरण करने वाला - भयं नु ते अन्वगतं महन्तं, नाम; अप. 1.75-76; 281; - सन्निधि पु., [अन्नसन्निधि], तेजो नु ते नान्वगं दन्तमूलं, जा. अट्ठ. 5.165; तेजो नु ते अनाज का संग्रह या भण्डारण - अन्नसन्निधिं पानसन्निधिं नान्वगं ... तेजो ... भयं महन्तं अन्वगतं, उदाहु विसं .... इति वा इति, दी. नि. 1.6. दन्तमूलं न अन्वगतं, जा. अट्ठ. 5.167. अन्नपान नपुं., द्व. स. [अन्नपान], भोजन और पीने योग्य अन्वगत त्रि., अनु + गम का भू, क. कृ. [अनुगत], वस्तु या पान - ममन्नपानं विपुलं उळारं, उप्पज्जतीमस्स उपरिवत् - भयं नु ते अन्वगतं महन्तं, तेजो नु ते.... जा. मनिस्स हेतु, जा. अट्ठ. 2.237; तत्थ ममन्नपानन्ति मम अट्ठ. 5.165. यागुभत्तादिदिब्बभोजनं अट्ठपानकभेदञ्च दिब्बपानं तदे; पहूते अन्वगू अनु + vगम का अद्य०, प्र. पु., ए. व., अनुगच्छति अन्नपानम्हि, खज्जभोज्जे उपट्टिते, खु. पा. (पृ.) 8; अन्ने के अन्त. द्रष्ट. - अनुत्थुनन्तो कालङ्कतं, सोकस्स वसमन्वगू, च पानम्हि च अन्नपानम्हि खु. पा. अट्ठ. 164; - खादनिय सु. नि. 591; वसमन्वगूति वसं गतो, सु. नि. अट्ट. त्रि, द्व. स. [अन्नपानखादनीय], भात, पेय वस्तुएं एवं कौर 164. निगल कर खाया जाने वाला भोजन - नगरवासिनो बहुं अन्वचारी अनुचरति के अन्त. द्रष्ट.. अन्नपानखादनीयं आदाय विहारं गन्त्वा महादानं पवत्तयिंसु, अन्वड्डमासं/अन्वद्धमासं अ., अनु + अद्ध + मास से व्यु., जा. अट्ठ. 5.331; - भोजन नपुं.. द्व. स. [अन्नपानभोजन]. क्रि. वि. [अन्वर्धमास], प्रत्येक पखवारे में, प्रत्येक पन्द्रह भात, पेय पदार्थ या तरल पदार्थ तथा भोजन - चण्डालकुले दिनों में, आधे महीने में - वीच्छायं अन्वद्धमासं, मो. व्या. .... वा दलिद्दे अन्नपानभोजने कसिरवृत्तिके, स. नि. 3.2; अन्ववमासं अनुदसाह अनुपञ्चाहं देवे वस्सन्तेति अत्थो, 1(1).112; - समायुत्त त्रि., तत्पु. स. [अन्नपानासमायुक्त], पे. व. अट्ठ. 122. For Private and Personal Use Only
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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