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अनुद्दयता / अनुदयता
अनुयता / अनुदयता स्त्री० [ अनुहयता ]. कृपालुता, दयाशीलता, हमदर्दी- खन्तिया, अविहिंसाय, मेतचित्ताय, अनुदयताय एवं खो, भिक्खवे, परं रक्खन्तो अत्तानं रक्खति स नि. 3 (1) 244 अनुदयतायाति अनुवड्डिया सपुब्बभागाय मुदितायाति अत्यो स. नि. अड. 3.254 परेसं धम्मो देसेतब्बो, अनुदयतं पटिच्च कथं कथेस्सामीति. अ. नि. 2 (1).173; अनुद्दयतं पटिच्चाति महासम्बाधप्पत्ते सत्ते सम्बाधतो मोचेस्सामीति, अ. नि. अट्ठ. 3.56. अनुदयति अनु + √दय का वर्त. प्र. पु. ए. व. [ अनुदयते]. दया या अनुकम्पा करता है, रक्षा करता है, अच्छा लगता है अनुदयतीति अनुदया, रक्खतीति अत्थो, महानि, अट्ट दयमानो वर्त. कृ. पु. प्र. वि. ए. व. - करुणायमानोति करुणायमानो अनुदयमानो अनुरक्खमानो अनुग्गण्डमानो अनुकम्पमानोति चूळनि, 86. अनुदयना / अनुदयना स्त्री, अनु + √दय से व्यु. मैत्रीभावना, दया, करुणा, अनुकम्पा मेत्ताति या सत्तेसु मेत्ति मेत्तायना मेत्तायितत्तं अनुदया अनुदयना अनुदयितत्तं हितेसिता, महानि. 368.
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अनुदया / अनुदया स्त्री. अनु + √दया, अनुकम्पा के मिष्या सादृश्यवश सम्भवतः उप, अनु का प्रयोग, दया, अनुकम्पा, तरश - दयानुकम्पा कारुञ्ञ करुणा च अनुद्दया, अभि. प. 160: तस्स मोघपुरिसस्स पाणेसु अनुदया अनुकम्पा अविहेसा भविस्सति, पारा 48; न तेन होति संयुक्त्तो, यानुकम्पा अनुध्याति, स. नि. 1 ( 1 ) 239 दयं द्वि. वि. ए. व. अनुदयं पटिच्च अनुकम्पं उपादाय परेसं धम्मं देसेसि स. नि. 1 ( 2 ). 178; अनुदयन्ति रक्खणभावं, स. नि. अट्ठ 2.151; - या प. / तू. वि., ए. व. अञ्ञत्र अनुद्दया अञ्ञत्र अनुकम्पा, अ. नि. 1 (1).148, पु० प० 143; ध० प० अट्ठ 1.263 दयाय तू वि. ए. व. तत्थ सच्च तदभिज्ञाय पाणानं येव अनुध्याय अनुकम्पाय पटिपन्नो होति. अ. नि. 1 (2) 205 पु. प. 143 ध. प. अड. 1.263; स. उ. प. के रूप में कारुज्ञानु, कुलानु, खन्तिमेत्तानु परानु, बलवानु.. सञ्जातानु, सन्तानु के अन्त द्वष्ट.. अनुद्दा / अनुदा स्त्री०, मेत्ता मेत्तायना आदि के मिथ्यासादृश्य पर गढ़ा हुआ अनु + √दय से व्यु कर्तृ. कृ., दया, कृपा, अनुकम्पा अनुदयतीति अनुद्दा, रक्खतीति अत्थो, ध. स. अड्ड. 389; मेत्तायना मेत्तायितत्तं अनुदा अनुदायना हितेसिता अनुकम्पा अव्यापादो अव्यापज्जो अदोसो कुसलमूलं ध. स. 1062: तुल, अनुद्दायना, अनुद्दायितः
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अनुद्धंसन
कार पु.. दया अथवा करुणा की अवस्था अनुद्दाकारो अनुदायना ध. स. अट्ठ. 389. अनुद्दायना स्त्री, मेत्तायना के सादृश्य पर अनु + √दय से गढ़ा हुआ ना था, दया, करुणा अनुद्दाकारो अनुहायना, घ. स. अड. 389; तुल. अनुदयना, अनुदयना, अनुदाति / अनुदयितत्र अनु + √दया के ना. धा. अनुदयायति के वर्णव्यत्यय से बने हुए अनुद्दायति का भू० क० कृ., दयालु, अनुकम्पक अनुधायितरस भावो अनुदायितत्तं ध. स. अड. 389, अनुदयितस्स भावो अनुदयितत्तुं महानि, अदु. 374. अनुद्दिट्ठ' त्रि, उ + √दिस के भू. क. कृ., उद्दिट्ठ का नि... [ अनुद्दिष्ट], किसी विशेष व्यक्ति के लिए अनिर्धारित वह, जिसका निर्धारण अभी तक नहीं हुआ हो सचे अनुदिव तया महामुनि, पुप्फं इमं पारिछत्तस्स ब्रह्मे, जा. अट्ठ. 5.389; अनुद्दिद्वन्ति असुकस्स नाम दस्सामीति न उहि तदे अनुदिव' त्रि. अनु + उ + दिस का भू. क. कृ., दान के रूप में किसी अन्य के लिए अभिप्रेत या सङ्केतित समनन्तरानुद्दिट्टे, विपाको उदपज्जथ, पे. व 64 समनन्तरानुद्दिद्वेति अनूति निपातमत्तं तस्सा दविखणाय उद्दिट्ठसमनन्तरमेव, पे. व. अट्ठ. 43.
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अनुद्दिसति / अनुदिसति अनु + उ + √दिस का वर्त., प्र. पु. ए. व. [ अनुदिशति ] अपने अभिप्राय के विषय में सङ्केत करता है, पीछे कहता है- उत्तरो किर माणवो दानं दत्वा एवं अनुद्दिसति इमिनाहं दानेन पायासिं राजज्ञमेव इमरिंग लोके समागच्छ मा परस्मिन्ति दी. नि. 2.261 एवं अनुदिसतीति एवं उपदिसति दी. नि. अड. 2.363. अनुद्देस पु. उद्देस का निषे, तत्पु, स० [अनुद्देश], पाठ अथवा संक्षिप्त कथन का अभाव परिसाति तिक्खतु थेरेन पातिमोक्खुदेसस्स याचितत्ता अनुद्देसस्स कारण कथेन्तो
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उदा. अट्ठ. 241; द्रष्ट. उद्देस.
अनुदेसिक त्रि, अनुदेस से व्यु. [ अनुदेशिक] किसी विशेष अभिप्राय या प्रयोजन से रहित बिना प्रयोजन वाला, किसी एक को उद्देश्य में न रखकर कहा गया या किया गया. यो कोचि मरतूति एवं अनुद्दिस्सके पहारपच्चया यस्स कस्सचि मरणेन ... खु. पा. अट्ठ 19; पारा. अट्ठ. 2.40; पाठा, अनुद्देसिके, अनुद्धंसन नपुं. अनुचित दोषारोपण, अनुचित अभियोग यथा परस्स रोसो होति एवं अनुद्धसनवसेन रोसं उप्पादेन्ति उदा. अ. 89; तंपन अनुद्धसनं यस्मा अत्तना चोदेन्तोपि परेन चोदापेन्तो पि करोति येव, पारा. अट्ठ. 156.