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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनावरणीय 218 अनासन्न [-दर्शिन्], उपरिवत् - सुद्धेन जाणेन, अनावरणदस्सिना, पसन्नक्ख त्रि., ब. स. [अनाविलप्रसन्नाक्ष], निर्मल एवं अप. 1.18. प्रसन्न दृष्टि वाला - अनाविलपसन्नक्खो, सब्बरोगविवज्जितो, अनावरणीय त्रि., आवरणीय का निषे., तत्पु. स. अप. 1.344; - लक्खण त्रि., ब. स. [अनाविललक्षण], [अनावरणीय], ढक कर न रखने योग्य, तिरस्कृत न करने निर्मल स्वभाव वाला, स्वच्छ प्रकृति वाला - अनाविललक्खणो योग्य, अतिरस्करणीय, अनभिभूत - चत्तारोमे ... तथागतस्स पसादो, नेत्ति. 25; - संकप्प त्रि., ब. स. [अनाविलसंकल्प]. केनचि अनावरणीया गुणा, मि. प. 155. शान्त एवं स्वच्छ संकल्प वाला, अबाधित संकल्प या विनिश्चय अनावसूर त्रि., अवसूर का निषे. [उत्सूर], सूर्यास्त तक, वाला - एवं खो, आवुसो, भिक्खु ... अनाविलसङ्कप्पो, दी. सूर्यास्त-पर्यन्त - अनावसूरं चिररत्तसंसितं, जा. अट्ठ. 5.49; नि. 3.215. अनावसूरन्ति न अवसूर अनत्थङ्गतसूरियन्ति अत्थो, तदे... अनावुत्थपुब्ब त्रि., आवुत्थपुब्ब का निषे०, तत्पु. स., पहले अनावास' पु., निषे. तत्पु. स. [अनावास], क. भिक्षु के लिए आबाद नहीं किया गया वह स्थल, जहां पहले निवास नहीं निवास न करने योग्य गृह या स्थान - अनावासोति किया गया हो - यो मया अनावुत्थपुब्बो इमिना दीघेन नवकम्मसालादिको यो कोचि पदेसो, महाव. अट्ठ. 329; न अद्भुना ..., दी. नि. 2.38. एकच्छन्ने आवासे वा अनावासे वा वत्थब्ब, चूळव. 49; - अनासक/अनसक त्रि, निषे०, तत्पु. स. [अनशक], भोजन टि. चूळव. के अनुसार चेतियघर, बोधिघर, सम्मज्जनीअट्टक, ग्रहण न करने वाला, व्रत उपवास करने वाला, भोजन से दारुअट्टक, पानीयमाळ, वच्चकुटि तथा द्वारकोडक आदि अनुपस्थित रहने वाला, (ब्राह्मण तपस्वियों के एक वर्ग का को अनावास कहा गया है जिसे भिक्षु के लिये अनपुयुक्त नाम) - अनासका थण्डिलसेय्यका च, जा. अट्ठ. 5.230; स्थान कहा गया, चूळव. अट्ठ. 12. एकच्चे हि मयं अनासका न किञ्चि आहारेमा ति मनुस्से अनावास त्रि., ब. स. [अनावास], क. गृहविहीन, बेघर - वञ्चन्ति, तदे. 5.232-233; अनासकाति निराहारा, जा. अनगाराति अनावासा, पे. व. अट्ठ. 68; ख. नहीं बसा हुआ अट्ठ. 5.18; नानासकाति न अनासका, भत्तपटिवखेपकाति - वानरिन्दो गामो आवासो अनावासोति पुच्छि, जा. अट्ठ. अत्थो, ध. प. अट्ठ. 2.44; अनासकाति एकाहद्वीहादिवसेन 2.63. अनाहारका, स. नि. अट्ठ. 3.42. अनाविकम्म नपुं., आविकम्म का निषे., तत्पु. स. अनासङ्क त्रि., आसङ्क का निषे., ब. स. [अनाशङ्क], निश्चिन्त, [अनाविष्कर्म], निगूढ़कर्म, माया, सुस्पष्ट प्रकाशन अथवा शङ्का-सन्देहों से रहित, निर्भय, भरोसेमन्द , विश्वसनीय - अभिव्यक्ति का न होना, अप्रकट कर्म - या एवरूपा माया ... जने नासङ्कसम्मते, चू. वं. 67.58. .... गृहना परिगृहना ... अनाविकम्मं वोच्छादना ... अयं अनासत्त त्रि., आसत्त का निषे०, तत्पु. [अनासक्त], विषयभोगों वुच्चति माया, महानि. 56; न पाकट कत्वा दस्सेतीति के प्रति मानसिक लगाव न रखने वाला, लगावरहित, तृष्णा अनाविकम्म, महानि. अट्ट, 162. अथवा आसक्ति से मुक्त - देवेन अनासत्तो अयक्खगहितको अनाविद्ध/अनपविद्ध त्रि., आविद्ध/अपविद्ध का निषे., अभूतविठ्ठो पुरिसो, जा. अट्ठ. 5.443; - चित्त त्रि., ब. स. तत्पु. स. [अनाविद्ध], अनुपेक्षित, सत्कृत, सम्मानित, समादृत [चित्त], आसक्तिरहित, चित्त वाला या वाली- असङ्गमानसाति - अनपविद्ध अनवजातं कत्वा, पे. व. अट्ठ. 118. कत्थचिपि आरम्मणे अनासत्तचित्ता, थेरीगा. अट्ठ. 282. अनाविल त्रि., आविल का निषे०, तत्पु. स. [अनाविल], अनासन नपुं.. आसन का निषे०. तत्पु. स. [अनासन]. स्वच्छ, प्रसन्न, निर्मल, विशुद्ध, (मूलतः जल एवं चित्त की अनुपयुक्त आसन, अयुक्त आसन - यथारूपे अनासने निसिन्न स्वच्छता का वाचक)- कच्चि चित्तं अनाविलं. सु. नि. 1603; म. नि. 1.15; अनासनेति एत्थ पन अयुत्तं आसनं अनासनं, अनाविलन्ति पुच्छन्तो ब्यापादेन आविलभावं सन्धाय अब्यापादतं म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1)87; सो तञ्च अनासनं तञ्च पुच्छति, सु. नि. अट्ठ. 1.177; सारम्भा यस्स विगता, चित्तं अगोचरं म. नि. 1.15. यस्स अनाविल, सु. नि. 487; अनाविलन्ति अनासन्न नपुं., आसन्न का निषे., तत्पु. स. [अनासन्न], किलेसाविलत्तविरहितं, सु. नि. अट्ठ. 2.172; - त्त नपुं.. दूरवर्ती, निकट में नहीं स्थित - न सन्तिके न सामन्ता भाव. [अनाविलत्व]. स्वच्छता, निर्मलता, विशुद्धि - अनासन्ने विवेकडे, महानि. 20; अनासन्नेति अनच्चन्तसमीपे, अनाविलत्ता, भिक्खवे, उदकस्स, अ. नि. 1(1).12; - महानि. अट्ठ. 81. For Private and Personal Use Only
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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