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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir .. सुन्दरबोधिनी टीका वर्ग ३ अध्य. ३ अकृति गायापति __ २८५ दक्षिणतटवासिनस्ते तथा; उत्तरकूला:-ये गङ्गाया उत्तरतटवासिनस्ते तथा, शङ्खध्माः शङ्ख ध्मात्वा-नादयित्वा ये भुञ्जते ते तथा, फूलध्माः कले-तरे स्थित्वा शब्दं कृत्वा ये भुञ्जते ते कूलध्माः, मृगलुब्धकाः मृगं हत्वा तेनैव ये अनेकदिवसं भोजनतो यापयन्ति ते तथा, हस्तितापसा: हस्तिनं मारयित्वा तेनैव चिरकालं भोजनतो यापयन्ति ते तथा, उद्दण्डाः ऊर्ध्वकृतदण्डा एव ये संचरन्ति ते तथा, दिशामोक्षिणः उदकेन दिशःमोक्ष्य ये फलपुष्पादिकं समुचिन्वन्ति ते तथा, वल्कवाससा=वृक्षत्वग्वस्त्रधारिणः, बिलवासिनः भूमिच्छिद्रवासिनः, जलवासिनः जले निषण्णा एव ये तिष्ठन्ति ते तथा, वृक्षमूलकाः तरुतले ये निवसन्ति ते तथा, अम्बुभक्षिण: जलाहाराः, दक्षिण तटपर रहनेवाले, उत्तरकूल गङ्गाके उत्तर तटपर रहनेवाले, और शङ्खध्मा शङ्ख बजाकर भोजन करनेवाले, कूलमा तटपर स्थित होकर आवाज करते हुए भोजन करनेवाले, मृगलुब्धक-मृगको मारकर उसीके मांससे जीवन बीतानेवाले, हस्तितापस-हाथीको मारकर उसके मांससे जीवन बीतानेवाले, उद्दण्ड-दण्डको ऊँचा उठाकर चलनेवाले, दिशामोक्षी दिशाको जलसे सींचकर उसपर पुष्प फल आदिको चूनकर रखनेवाले, वल्कलवासस-वृक्षकी छालको धारण करनेवाले, विलवासी भूमिके नीचेकी खोहमें रहनेवाले, जलवासी-जलमें ही रहनेवाले, वृक्षमूलक-वृक्षके मूलमें रहनेवाले, अम्बुभक्षो-जल... मात्रका आहार करनेवाले, वायुनहीन Sत्तर नारे रखेवा तथा शलमा='4 quan - Rail कुलमान 6५२ मेसी रहीन माल ४२तासान ४२ini, मृगलुब्धकभृगने भारी तना भांसथी न वाsanil, हस्तितापस-थान भारीने तना भांसी वन वातनाश, उदण्ड-४४२ यो GIS ANGRA, दिशाप्रोक्षीદિશાઓને પાણીથી માર્જન કરીને (પાણી છાંટીને) તેના ઉપર પુષ્પફલ વીણીને रामनारा, वल्कलवासस-वृक्षनी ने पा२५ ४२११, बिलवासी-भूभिनत नीयको आभा २७॥२१, जलवासीravin २नारा, वृक्षमलक-वृक्षना भूभा २वापाणा, अम्धुभक्षी=relaair &२ नारा, घायुभक्षी-आयु मात्रा For Private and Personal Use Only
SR No.020503
Book TitleNirayavalika Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilalji Maharaj, Kanhaiyalalji Maharaj
PublisherJain Shastroddhar Samiti
Publication Year1948
Total Pages479
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, & agam_vrushnidasha
File Size23 MB
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