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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुन्दरबोधिनी टीका वर्ग २ अभ्य. ३-१० भद्रआदि देवांकी स्थिति २३५ सागरोपमस्थितिकः, पञ्चमः - पद्मभद्रो मुनिः ५ ब्रह्मलोके पश्चमे देवलोके, उत्कृष्टदशसागरोपमस्थितिकः, षष्ठः पद्मसेनो मुनिः ६ लान्तके= तदाख्ये षष्ठे देवलोके, उत्कृष्टचतुर्दश सागरोपमस्थितिकः, सप्तमः = पद्मगुल्मो मुनिः ७ महाशुक्रे सप्तमे देवलोके, उत्कृष्टसप्तदशसागरोपमस्थितिकः, अष्टमः - नलिनीगुल्मो मुनिः ८ सहस्रारेऽष्टमे देवलोके, उत्कृष्टदशसागरोपमस्थितिकः, नवमः = आनन्दो मुनिः ९ प्राणते दशमे देवलोके उत्कृष्टविंशतिसागरोपमस्थितिकः, दशमः - नन्दनो मुनिः १० द्वादशेऽच्युते देवलोके, देवलोक में उत्कृष्ट सात सागरोपम झाझेरी स्थितिवाले, (५) पद्मभद्रमुनि - ब्रह्म नामक पञ्चम देवलोकमें उत्कृष्ट दस सागरोपमकी स्थितिवाले, ( ६ ) पद्मसेन मुनि - लान्तक नामक छठे देवलोक में उत्कृष्ट चौदह सागरोपमकी स्थितिवाले, ( ७ ) पद्मगुल्म मुनि महाशुक्र नामक सातवें देवलोकमें उत्कृष्ट सतरह १७ सागरोपमकी स्थितिवाले, ) नलिनीगुल्म मुनि - सहस्रार नामक अष्टम देवलोकमें उत्कृष्ट १९ सागरोपम स्थितिवाले तथा ( ९ ) आनन्द मुनि - प्राणत नामक नवमें देवलोकमें उत्कृष्ट २० सागरोपम स्थितिवाले देवपने उत्पन्न हुए ( १० ) नन्दन मुनि - बारहवें अच्युत नामक देवलोक में उत्कृष्ट २२ सागरोपमकी स्थितिवाले देवपने उत्पन्न हुए । (५) पद्मभद्र भुनि- नामे पांयभा देवसेोऽभां, (१) पद्मसेन भुनि - शान्त नाभे છઠ્ઠા દેવàાકમાં, (૭) પદ્મગુલમ મુનિ-મહાશુક્ર નામે સાતમા દેવલેાકમાં ગયા. (૮) નલિનીગુલ્મ મુનિ–સહસ્રાર નામના આઠમા દેવલેાકમાં જઈ દેષપણે ઉત્પન્ન થયાં. (૯) આનંદ મુનિ પ્રાત નામે દેવલાકમાં ગયા. (૧૦) નંદન મુનિખારમા અચ્યુત નામે દેવલેાકમાં ઉત્પન્ન થયા. તેમની સ્થિતિ નીચે લખ્યા પ્રકારની છેઃ— પદ્મદેવની ઉત્કૃષ્ટ એ સાગરોપમ સ્થિતિ છે. મહાપદ્મની એ સાગરાપમ ઝાઝેરી (કાંઇ અધિક) છે. ભદ્રની સાતસાગરાપમ, સુભદ્રની સાત સાગરોપમ ઝાઝેરી. પદ્મભદ્રની For Private and Personal Use Only
SR No.020503
Book TitleNirayavalika Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilalji Maharaj, Kanhaiyalalji Maharaj
PublisherJain Shastroddhar Samiti
Publication Year1948
Total Pages479
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, & agam_vrushnidasha
File Size23 MB
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