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________________ Shri Mahav Jan Aradhana Kendra www.kobatirtm.org Acharya Shri Kallassagarsur Gyanmandir भाषा KENHIMNENENE REMEHEERNE KREMKWKK * प्राणा वियावच करिखें चने चन्हें कराने अम्हने स्थ' स्वार्थ के अने वली ते जे प्राणा इम चौंतवें के पक्के तो दिन चारना तथा मासादिकना * प्राणां छां जे अन्हे ने चाधोज किस्य स्वार्थ के इम चिंतवतां विचालेज थकी आचार्य सौदाई पिण चान देतो मनवचन काबाडू करीने गिल्यानता न पांमे ते कष्ट पामीने निर्जरा भणी सत्व अर्थ देवे भणावे तथा शिवे भलो दृष्टांत सुशिष्यनो करिये के ते जिम कुची एक सेठे यार बार.यांने साधा है रणसौरमे गाव आपोते ब्राह्मणे दूम चिंतव्यो जे गाय भाजई दोहौस्य अने पछे जे चारो दाजु देस्थतो ते दुग्ध प्रभाप्ति घणो होस्ये ने दुध बीजा * ब्राह्मणाने कामे आयसी तथा प्रभाति माहरेज कामे पावसोज दुहीजस्थ तो पणो दुधपोखें इमन एवो संघले भाईयां इम चिंतव्यो ते गायनी खागानी पीवणनीदांणानी सौतनी धूपनी सर्वथा प्रकारे गायनेसाता उपजेतिमकरेतिमशीभाचार्यने पोतानाशिष्य वियावचकर तेहमजायें जेअसणादिक विहरीने आचार्यादिकनी सेवापुजा विया वच कर स्यांतो पाचार्यादिकनो सरीर संपुष्ट था मौतो जे पाचार्यादिकनो सरीर चम्हने प्राणादिकने अर्थ सूत्रादिकदीजोडूछे तो वारू वली तिवारे पर ते पाहुणापणि इम चिंतये अम्हाने पाचार्य धणो चपगार करे के घणो रेत करौने अर्थ सूत्वादिक देवे के तो तेहनो इओसीगलकिमथा दूस्य भने एक सूत्र अर्थादिक फलदायक किमोसी दूम जाणीने पापण विनय वेया वच करे स्वमिष्यादिक पामे करावे१२ हिचे तेरमो भेरीनो दृष्टांत करेले 12 भेरी भेरोनो दृष्टांत ते किम ते दूम ते जिम एकदा प्रस्तावे पहिला देव लोकनो धणीदच गाईपति शक्रेन्द्र देवतानो इंद्र देवतानो राजा 32 लाखविमाननो धयौ तेरमे प्रतरे सौधासभा मध्ये शक्रमामा सिंघासन उपरिवेठा कथा 84: सत्यसामान्य इंद्र पाठ 8 अग्रमहेषौ परिवार सहित 4 सोकपाल 33 बायवि यकीन हजार देवता मांपिटी परिषदा 14000 मध्यपरि० 13000 बाह्यपरि०७०० सात सय माहिली परषदानी देवी.. मध्यपरषदानी देवी 500 बाहिरली परषदानी देवी सात पणी का 336... तीन लाख 器報警器需茶器紫器影器装紫装需器器带带带出聯網 For Private and Personal Use Only
SR No.020495
Book TitleNandi Sutra Tika
Original Sutra AuthorN/A
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Publication Year
Total Pages512
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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