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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लाषा 22 差影響飛器柴柴柴業業器兼叢飛義義器器業需灘灘業業 छत्रीस सहन पात्मरक्षक देवता अनेरा देवता देवांगना नौते असङ्ख्याती कोडाकोडी मध्ये वेठा थका मोटर शब्द करौने श्रीकृष्ण वासुदेवनी प्रशंसा # तीनवार कीयो नेजे हारिकाधिपति श्रीकृष्ण मुरारोनी तिणे इम कह्यो जे श्रीकृष्णवासुदेव सर्वगुणग्राही छ भने नौच जहनकरे इम कह्याऽनन्तर * सर्वदेवता देवां गनाये सानो बचनसरदह्यो भने एकणे मिष्या दृष्टी देवतार ईर्षा भणीसरदह्य नही तिबारे ते देवता अत्यलोकने विषे पायोतिण अवसरे श्री कृष्ण मुरारी श्रीनेमिनाथ खामिने वांदिवाजायेके ते तिणे अवसरे 42 लाख इस्ती 42 शाख पख 42 लाख संग्रामिक रय 48 कोडिपाय क 15 सहस्स मुफुटबंध राजा पापण्णीर मेन्या सहित 32 सम्म अंतपुरपरिवार 72 सहस्त्र माता दसदसारण माढी तीन कोडि कुमर इम सर्व जादवानो परिवार 18 कोडि जंगमईनीक 18 कोडि पाभरणधारी 15 लाख भोजन स्थानीया पढी लाख दीपीटीया 42 लाख संग्रामिक नीमाण के * कोडि मामानिक नीमाण 5 कोडि ध्वना पताका घंटा कृत्र चामरादिक सहित 16 कोडि बत्तीस बस नाटकना करणहारा प्रत्यादिक सर्व सेन्यासंघ थई देखीने तिसे प्रस्तावे ते देवता तिणी जवांट एक कालो खाननो स्वरूप करी सर्वाङ्ग मेसोई कुडियो सहियो सहिउ विद्रपकपकीधो मुख विका सिमो अने दांत समश्रेणी करीने पडियो एतले श्रीकृष्ण मुरारी त्रीनेमिजीने वांदवा पर्ये प्रावतां पायक प्रमुख सेन्या भागलिर जाये के ते भागलि थकी तेथे दुर्गन्ध जाणीने मुस्ववस्त्र थौ ढांकीरने राजपंथ छोडीरने अधिक ऊनडेरचालि ते सेन्या जिवारे श्रीकृष्ण मुरारी दौठी ते देखीरने वोल्या एह सेन्या खोक किमटल्या राजपंच छोडौरने तिवारे ते कुचिकपुरुषे कहियो स्वामि स्वाननी दुर्गन्ध सही नथी जाति ते भयो सेन्या कोकमार्ग थी टल्या के तिबारे जे श्रीकृष्णजी मुरारी उदारीक शरीर सदा असासतो सडणपडा विध्वंसग बाणीने चिंतव्यो एह शरीर दुर्गन्धजके अनेदुर्गन्ध करीने भयो के ते भणी न कल्पे राजमार्ग छोयो ते श्रीकृष्ण मुरारी मार्ग हीज चाल्यो ते खांन पांसि गयो तिहां सर्वात निंदणीक जाणीने विमानता थका 梁諾諾器器器緊器諾諾器器张黑黑黑黑黑影 - For Private and Personal Use Only
SR No.020495
Book TitleNandi Sutra Tika
Original Sutra AuthorN/A
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Publisher
Publication Year
Total Pages512
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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