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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नंदी सू० होणं इमेणं सरीरसमुस्मएणं अणुपत्ति पयं श्राववियं पन्नवियं परूवियं दंसियं निदंसियं उवदंसियं जहाकोदिलुतो अयं धयकु भे आसो अयं महुकुभे अासो सेतं जाणगसरीरदब्वाणुमा सेकिंतं भवियसरीरदवाणखा जे जौवे जोणी जम्म णनिक्वते इमेणं चेव सरोरसमुस्मएणं आइत्तेणं जिणदिदेणं भावेणं अणुपत्ति पयं सियकाले सिक्खिस्मद् न ताब सिक्ख जहा कोदितो अयंधयकुभे भविस्म अयं महुकुभे भविस्मइ सेतं भवियसरीरदव्वाणुणा सेकिंतं जाण गसरोर भवियसगैरवरित्ता दव्याण्णा जाणगसरौर भवियसरौरवइरित्तादवाणुमा तिविहापपत्ता तं लोइया क प्यावणिया ले उत्तरिया सेकिंतं लोयादव्वाणुणा तिविहा पम्पत्ता तंजहा सचित्ता अचित्ता मौसिया सेकिंतसचित्ता 2 युक्त पणे ग्रहीने जि० जिनभाषित दे दृष्टांत भा० भावपदार्थनठ अ० अणुन्ना विचार एहवो प० पद से० भागमिडू काले तेकोई एक प्रस्तावे मि० मौखस्यै न० तेहिवडा नथी घोषतो ज0 किस्खे दृष्टांत जिम म० एह से तेज० यथा दृष्टांते ना. नाम संभावनादू केके कोई एक राजाचक कृत्यादि कवा० अथवा जु० जुवराजा सामान्य राजा दू. ईश्वर अधिकारी सोनानो पट्टराजादूआप्प के जेहने जेको कुटंबना धनी मा० भीमसामाहिबढीयो * जन ग्रामवसता नथी तेशनाधगी माडंबी तथा जगातिल्पई. इस्ती प्रमाणे द्रव्यनाधणी मे० मेट्टि तमोवर्ण पट्ट विभूषितांग पुरतिष्टावाणिक प्रति acषा मे सेनापति कटकना अधिकारी स० प्रदेसेसाथ पुहता क०तेसार्थवाह एलादि देवा जोपणि कोई एक एतला मध्ये क० कोई एकने का किस्ख का कारण करीने तु संतोषाणा जता ने संतोष पाभ्याकता रानादिकतुष्टमानथयाथका था. अबदेये वा अथवाह हाथी उ० उठ बा 業業職業乎器紧张紫紫装需紧器攀著熟茶器紫器差業業 HENEWHENKING WHHHHHHHHHHHHHHHHI For Private and Personal Use Only
SR No.020495
Book TitleNandi Sutra Tika
Original Sutra AuthorN/A
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Publication Year
Total Pages512
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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