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________________ Shri Maa Jan Aradhana Kendra Acharya Shri Kallassagarsus Gyarmandir नंदी सू० 508 KNEWANE WHEN HENEWHEMKHE******WHENEWHI दब्वाणूम्माओ एवामेवववहारस्मवि संगहम एगोवा अणेगोवा अणूव उत्तोवा अण्वोत्तावा दव्याणम्पावा दवाणू यायो साएगा दव्वाणू मा उज्जुमुयस्म एगे अणुवऊत्ते आगमओ एगा दव्याणमा पुहत्त नेच्छा तिरह सद्दनयाणं जाणअणुवोत्ते अवत्थ काजदूजाणए अणुवउत्ते न भवइ सेतं श्रागमो दव्वाणुस्पा सेकिंतं नोआगभगो दवाणु खानोबागमोदवाणुणा तिविहा पणत्ता तंजहा जाणगसरोरदवाणुया भविय सरोरदव्याणुणा जाणगसरौर भवि यसगैरवरित्तादवाणुमा सेकिंतं जाणगसरौरदव्वाणुस्मा जांणगसरोरदव्वाणुखा अणुपत्ति पयत्याहिगारजांणगस्स जं सरौरं वगयच यचवियचत्तदेहं जीवविप्पजठं सिक्षागर्यवा संघारगयंवा निसीहियागयंवा सिविसिलागयंवा अ द. द्रव्य अनुचा से नेकण नो भागम विना द° द्रव्यनो विचार जा• जागाणहारनु स. सरीरले भ० जाणणहार होसीतेचनुर ना जाणणहार भ० भनाणहारर द एवेथी विपरीत से अ. अनुना एहवुजा विचारना ज० जेए शरीर व० चेतना जीवेकरी जी.पायुषाने क्षये सि० शरीर प्रमाणः सं संथारो अढीहस्त नि येसवानेर स० सरीरने स० समुदाइकरी प० अनुचाते था सामान्य पणे कह्यौ प० विशेष पोकह्यौ विचार प. प्ररुयो नामादिक भेदकरीने द० देखाद्यो नि हेतु दृष्टांतिकरीने देषाधु उ० निश्चय करी विशेष उपदिस्य देखाधु ज० जिमको० किस्से दृष्टांते अ० एह इतनो कु० कुंभवडो पाप हुतो एहमांहि हुतु अ० एमधुते सहतनो कु. बोडो हुतो तिम जाणे से० तेएजा जाणग शरीरना बनी विचार णाकही जे जेको जी जीव जो जोनिकरीने जन्म्युं नि जन्न समयनी कल्पत इ० एणोज चे निवडू स० सरीरने स० समुदाइ पुल पा० भादी FMMEHEMANTINENENEWARENEWHENTENCHEMANTHEMACHAR भाषा For Private and Personal Use Only
SR No.020495
Book TitleNandi Sutra Tika
Original Sutra AuthorN/A
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Publication Year
Total Pages512
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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