SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 364
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra Acharya Shri Kallassagarsun Gyanmandir www.kabatirth.org नंदी टी. 開樂器器型渊张%米諾諾瞞器深渊器器器器器開業洲諾 *पायंपञ्चासवत्ताणनईचाएवत्थ विषाणु पुरिसाइकटष्पलादि संभियकरिलममा इसप्प मलनालाइव समाणरूवा विसवाई मे जहानामएत्यादि सही यथानामकः कोपिपुरुषो भव्यक्त' स्वप्न प्रतिसंवेदयेत् पथकं नाम सकल विशेषविकलम नियमिति यावत् स्वप्रमिति मनापकः सत्रकारोवदति सच प्रतिपत्तास्वप्नादि व्यक्तिविकलं किंचिदनिर्देश्यमेव तदानौंग्टनाति तथाने न प्रतिपत्तासविणोति उम्गाहिए इति स्वप्रमिति चवटीतं अवापि स्वाति प्रज्ञापकोबदति सतुप्रतिपत्ता अशेषविशेषवियुक्तमेवावग्टहीतवान्तवाचाइ न पुनरेवंजानातिक एषस्खाइति स्वप्नइत्यापितमर्थन जानातौतिभावः ततईहां नामएकदपुरिसे अव्यत्त सुमिणंपासिज्जा तेणंसुमिणेत्तिउगाहिएनोचेवणंजाणद् कैवेससुमिणेत्ति तथोपविसइतयो जाण अमुगेएससुमिणेतोचवायंपविस तत्रोसेउवगयंहवद् तोधारणंपविसइतोणंधारसंखिज्ज वाकालं असंखि असंख्याता काललगेधारीराखे४ हिवेपांचमोफरसनोदृष्टांत कछिमे० तेयथा दृष्टांतेके० कोइएक पुरुष अप्रथमभव्यक्त गक्षनफा फरसने वेदेनहे ते. तेहने मजाणेफा० फछनेफरसनेउ जेग्रह्यो मो० पणिएहवो जा० जाणेके छहबोके हनो फा० फरसके त० तिवारपके ई विचारणामेपेसी *विचारणाकरत० तिवारेपरजाशेच अमुकोए० एहफाफरसक्तणतिबारेपछेय निश्चयकरत तिवारेपछेसे तेफरसनोउनिश्चयकोधोडवे त तिवारेपछे धारणामेपेचे त तिवारेपछी धारी ग्रहोराखेतो सं० संख्याता काललगे धारीराखे अ० असंख्याता काललगे धारीराखे५ हिट्ठोस्खननोदृष्टांतकहेले मे तेज यवादृष्टांते नाम के कोई एक पु० पुरुष अ० प्रथम भव्यक्त ग्रहेते सु० स्वपने पा० जाण देखेंते तेहने दूमजाणे जेममु० खाने उ० देखा या के ना० पणिए वो तेवलीनजाणे के कुणए एम खप्रदौठोके त तिवारेपछी दू० विचारणामे प० पेसपेसी विचारणा करत तिवारेजाणे For Private and Personal Use Only
SR No.020495
Book TitleNandi Sutra Tika
Original Sutra AuthorN/A
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages512
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy