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________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - नंदी टी 業器兼業農業業職能养米諾諾諾紧業部影器来张张業業需 मूरिरा प्रतिपात्यवधिनानं यत अवधि ज्ञानं जघन्यतः सर्वस्तोकतया अंग लस्या संख्थे यभागमा संख्यभागमात्र वा वालाग्रस्थक्त्वं बालिक्षां वा वा लाग्राटकप्रकमाणां लिक्षाध्यक्त्व वायका बालिवाष्टकमानां यका पृथक्त्वं वायूकाटकमानं बवष्टथक्त्वं चांगलं वा चंगुलष्टथक्त्व' वा एवं या बदुत्कर्षण सर्वप्रचर तयालोक रहा उपलभ्यप्रतिपतेत प्रदोष दूब नाशमुपयायात् तस्य तथाविधक्षयोपशमजघन्यत्वात् तदेतत् प्रतिपात्यवधिज्ञानं शेषं सुगम अखिज्जयभागंवा संखिज्जयभागं गावालगंगा वालग्ग पत्तंबा लिक्खंया लिक्वपत्तवा जूवा जूयपुहत्तवा जवंवा जबपहत्तं वा अंगुलवा अंगुल हत्तं वा पाउवा पाउपुतंवा विहत्थिंवा विरुत्थिपुत्तंबा रणिंवा रयणिपुतं वा कुत्थिंवा कुत्थि पुत्तं वा धणु वा धणुपुतवा गाउयंवा गाउयपुत्तंबा जोयणवा जोयणपुडत्तं वा जोयणसयंवा हीयमान:उ० अवधिनान४ से. तेपथदिवेकुणप० पाछोपडे तेउ अवधिनानकहीयेहगोतमः अवधिम्यानजघन्यमांगुलनु असंख्यातमोभागदेखेउतकृष्टो पाखोलाक देखोने क्षणमात्र माहिदीवानी परिउहाइ जायते इमज जेहभणी इहोज जघन्यतोम० अंगुलनो असंख्यातमोभाग मात्र देनेवा अथवा इहवाशब्दसजायगा आगलापदनी दृड्यभणीजाणवो सं० संख्याता अंगुलनोभाग मात्रक्षेत्र देने वा० अथवा:वा. वालाग्रप्रमाण देखे 2 वा. अथवा पृथक्वाल प्रमाणजेतलोखेत्र देखे 4 वा अथवा लोखप्रमाणखत्र देखें 5 वा अथवा लिखपृथक् लौषप्रमाणनेत्र देख वा अथवा जनप्रमाणपत्र देखें वा० अथ वा: ज प्रथा प्रमाण पत्र देख वा० अथवा ए० एमज जवप्रमाणख व देखेर वा अथवा न थक जवमान देख 1 अथवा१० अं• अगुलमात्र देख 11 अथवा अध्यक आग ल प्रमाणवे न देखे 12 वि० 12 मांगु लनी विहथप्रमाणखे न देख वि० पृथक् विथ प्रमाण व 諾諾諾羅器茶業港業業茶業器羅業業業業蒂蒂諾義業 भाषा For Private and Personal Use Only
SR No.020495
Book TitleNandi Sutra Tika
Original Sutra AuthorN/A
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Publisher
Publication Year
Total Pages512
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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