________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नंदी टी० 米张张张樂器器米器器需米米米米米米米米米諾米諾 *विसमयाहारकः सूच्ापनकजीवो जघन्यावनाहनच तत सच्चरीरमानं जघन्यमवधिः क्षेत्र तच्चायत' यतस्त्रिसमयाहारकस्य ति विशेषणं पनकस्य नच * मत्स्यायामप्रतरसम्पहरणसमयो पनकभवस्य सम्बन्धिनो किंतु मत्स्यभवस्य तत उत्पादसमयादारभ्य किसमयाहारकस्यति द्रष्टव्य नान्यथा एतावतामाया जघन्य क्षेत्रस्थावधि नसभाषा प्रायोग्यवर्गणापास्तरालपर्ति द्रव्यमालम्बते तयाभासादव्याणमंतराएथलइए पढमउति वचनात्तदपि चालम्ब्यमानं द्रव्यं द्विधा गुरुलघु अगुरुलधुच तत्र तेजसप्रत्यासन्न गलघुभाषा प्रत्यासन्न चागुरुलघु तनतांश्च पर्यायान् चतुसङ्ख्याने वर्णरसगन्धस्पर्य लक्षणान् पश्यति न शेषान् यत आह दवाई अंगुलावलिसखे जातीतभाग विसयाई पेच्छ चउगुणा जश्वोमुत्तिमंताई पत्रजघन्यइतिजधन्यावधिज्ञानीतदेवं वस्मयोगाहणाजहरणाश्रोहौखितंजहमतुरसबबहुअगणिजीवानिरंतरंजत्तियंभरिज्ज सुखित सवदिसागंपरमोही ग्यानना धणी जाणे एतले किस्थते जेतली अवगाहना 1 विणा समयना ऊपमामी सूक्ष्मपणाग जीवनी होइ एतलो खेत्र जघन्य अवधि जाननो धणी देखे ते किम तेइम जते मकरीने आपणा शरीरनौने थाने थापे सूक्ष्म जे पणग फुखण मेमध्ये ते जमछ उपजे फूल तिबारे जे प्रथम समय पा हारल्ये तिवारे जेथरीरना प्रदेश एकसहस जोजन हुता तेमांहि थीभाषणा प्रदेश तेसंकेलबार बीजे समें शरीर बांधे तिणे समे तेहनो अवगाह ना सूक्ष्माहवेले ते भणी तीने समय शरीरबांधता अवगाहना सूक्ष्म हुवेके एतलो क्षेत्व गांगुलनु असंख्यात भाग हुवेते अवधि जाननी जघन्यरत लोखेबजाये देखे 1 एहवा जघन्य अवधि ज्ञानीनो देशवो कह्यो दिवे उत्कृष्टो अवधि चानना धपी खेवदेखे तेकहेछ तेवली दूहाँ अवधिज्ञाने नारकी बौछो घणु देखे भवनपती वाणव्यतर उचो देखे ज्योतिषी नीको घणो देख्ने विमानिक नीचो बह देखे ते अवधिना देखवानो भाकारसर्व 器兼差兼茶养养業蒸蒸器兼差兼差兼紫紫黑米养 भाषा For Private and Personal Use Only