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मुंबई के जैन मन्दिर
मरीन लाईन्स
श्री शीतलनाथ भगवान गृह मन्दिर ३१-३३, ट्रीन टी स्ट्रीट, धोबी तलाव, राजस्थान भवन, मुंबई - ४०० ००२.
टे. फोन : २०५३७१९ - कस्तुरभाई विशेष :- इस मन्दिरजी की प्रथम स्थापना वि.सं. २०२८ का मगसर सुद - ५ परम पू. रामसूरीश्वरजी म. (डेहलावाले) की पावन निश्रा में हुई थी। शिलान्यास आ. श्री दर्शननित्योदयसागरसूरिपन्यास श्री चंद्राननसागरजी म. की शुभ निश्रा में हुआ था।
नूतन प्रतिष्ठा आत्म-वल्लभ-समुद्र समुदाय के आ. विजय इन्द्रदिन्नसूरिजी के शिष्य आ. श्री रत्नाकरसूरिजी म. की शुभ निश्रा में वि.सं. २०५० का जेठ सुद - ३ रविवार को हुई थी।
यहाँ मूलनायक श्री शीतलनाथ प्रभु सहित पाषाण की ५ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - ३, अष्टमंगल - १ के अलावा दिवारो पर श्री अष्टापद, शत्रुजय, आबुजी, गिरनारजी, सम्मेतशिखरजी के पट दर्शनीय हैं। श्री मणिभद्रवीर, श्री घंटाकर्ण वीर, श्री भैरुजी, श्री पद्मावती, यक्ष-यक्षिणी आदि देव-देवीयो की प्रतिमाजी बिराजमान हैं।
राजस्थान भवन के प्रथम माले पर मन्दिरजी, दूसरे माले पर आयंबिल खाता, तीसरे माले पर संघवी उदयचन्दजी जेठाजी लुणावावाला आराधना भवन, चौथे माले पर शा मोतीलालजी हंसाजी तखतगढवाला व्याख्यान हॉल हैं। यहां जैन पाठशाला, श्री शीतलनाथ महिला मंडल, श्री भैरव नवयुग मंडल भी हैं।
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प्रिन्सेस स्ट्रीट
श्री शान्तिनाथ भगवान गृह मन्दिर मनहर बिल्डींग, तीसरा माला, कान्तिलाल शर्मा मार्ग, प्रिन्सेस स्ट्रीट, मेन रोड,
मुंबई - ४०० ००२.
टे. फोन : २०८५३०७ विशेष :- यह गृह मन्दिर सेठ चुनीलाल मूलचन्द कापडीया खंभातवाला का कहलाता है। जिसकी प्रतिष्ठा ९० वर्ष पहले माह सुद-७ की हुई थी। इस मन्दिरजी में धातु के ८ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी ४ तथा बाजू में श्री पद्मावती भी बिराजमान है। इस मन्दिरजी की व्यवस्था सुप्रसिद्ध दानवीर सेठ सोलीसीटर श्री मोतिचन्द गिरधरलाल कापडिया के हाथो में रही थी, जो उस वक्त के सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं श्री महावीर जैन विद्यालय के निर्माण के मुख्य सहयोग दाताओं में से एक थे। आपश्री के उपर लक्ष्मी एवं सरस्वती दोनो की कृपा थी। उसके बाद सोलीसीटर श्री चुनीलाल मूलचन्द कापडीया के देखरेख में संचालन होता रहा । वर्तमान में श्री अमीशभाई रसिकलाल कापडीया मंदिरजी का संचालन कर रहे हैं।
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