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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर श्री अजितनाथ भगवान गृह मन्दिर देवकरण मेन्शन, विठ्ठलदास रोड, लुहारचाल, प्रिन्सेस स्ट्रीट, मुंबई - ४०० ००२. टे. फोन : २०८ ६२७१ - विनोदभाई कापडीया विशेष :- इस मन्दिरजी को सेठ मूलचन्द बुलाखीदासने बनवाया था। जिसकी स्थापना वि.सं. १९७३ का फागुण वद-१ को हुई थी। यहाँ मूलनायक सहित पंच धातु के १९ प्रतिमाजी, सिद्धचक्र - १३, अष्टमंगल - १ तथा दिवारो में चारो तरफ कांच के बनाये श्री शंखेश्वरजी, श्री तारंगाजी, श्री सम्मेतशिखरजी, श्री गिरनारजी, श्री शत्रुजय, श्री पावापुरी, महावीर और गौतम गुरु के तीर्थ व फोटो अति सुन्दर शोभायमान रहे हैं। इस प्रिन्सेस स्ट्रीट लुहारचाल जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ की स्थापना वि.सं. २००७ में प. पूज्य युगदिवाकर आ. भ. श्री धर्मसूरीश्वरजी म.सा. की प्रेरणा से एवं उनकी निश्रा में की गई थी और उसी साल में इस संघ के उपक्रम में सर्व प्रथम पर्युषण आराधना प.पू.आ. श्री मोहन-प्रताप धर्मसूरीश्वरजी समुदाय के पू. शतावधानी आ. श्री जयानन्दसूरीश्वरजी म. सा. और पू.आ. श्री सूर्योदयसूरीश्वरजी म. सा. (उस समय के दोनो मुनिराज) की निश्रा में देवकरण मेन्शन के आगाशी (टेरेस) मंडप में हुई थी। तब से आज तक निरंतर पर्युषण आराधना यहाँ चलती हैं। यहां सेठ मूलचन्द बुलाखीदास गृह जिनालय में परम पूज्य आचार्य भगवन्त दुर्लभसागरसूरीश्वरजी म. की शुभ निश्रा में वि. संवत् २०३९ का जेठ सुद - १३ ता. २३-५-८३ को श्री घंटाकर्ण वीर की प्रतिमा की प्रतिष्ठा एम. के ज्वेलर्स चीराबाजार वाले स्व. श्रेष्ठीवर्य शा. मुनालालजी केशरीमलजी बोराणा सपरिवार वालो की तरफ से सम्पन्न हुई। यहाँ श्री बाबुलाल रतिलाल लक्ष्मीचंद भणशाली जैन पाठशाला, श्री अजितनाथ सामायिक व महिला मण्डल तथा विश्व मंगल मंडल भी कार्यरत हैं। भगवान अजितनाथ चौक मंगलदास रोड और लोहारचाल के नजदीक जंक्शन पर भगवान अजितनाथ चौक नामकरण १५ अगस्त १९९६ को हुआ था। मंगलप्रभात लोढ़ा, शांतिलाल जैन, रवीन्द्र पीलेकर, राज पुरोहित आदि की हाजरी में तथा भरत गुर्जर के संचालन में श्रीमती जयवंती बहन मेहता के शुभ हस्तो से हुआ था। वर्धमान संस्कृति धाम - चौविहार हाऊस ___ केशवबाग : टेलिफोन : ३८८७६३७ प्रिन्सेस स्ट्रीट, मुंबई - ४०० ००२. सिद्धान्त महोदधि आ. विजय प्रेमसूरीश्वरजी म. सा. समुदाय के पन्यासप्रवर श्री चन्द्रशेखरविजयजी म. की प्रेरणासे अ.सौ. हंसाबेन महेन्द्रकुमार दीयोरवाला परिवार द्वारा अधिकतम दान राशि प्राप्त होने के निमित्त कायमी चौविहार हाऊस शुरु करने मे आया है। जिसमे मुंबई में बाहर गाँव से आनेवाले तथा मुंबई शहर में कामकाज या खरीदी के लिये आनेवाले भाई-बहनो के लिये भोजन की व्यवस्था करने में आयी हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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