________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
मुंबई के जैन मन्दिर
ता. ११-२-९६ को खुब धाम-धुम से प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई थी। इस भव्य शिखरबंदी जिनालय में नीचे के भाग में मूलनायक १००८ श्री महावीर स्वामी परमात्मा की पाषाण की श्वेतरंग की एक प्रतिमाजी तथा पंचधातु की चार प्रतिमाजी सुशोभित हैं । दिवार में पाषाण में खुदाई किये गये श्री कुंदकुंदाचार्य - श्री कानजी स्वामी, श्री चंपाबहन की तस्वीरे भी सुन्दर दिखाई दे रही हैं। दूसरे माले पर श्री बाहुबलीजी, श्री भरतजी के साथ श्री ऋषभदेव भगवान की खडी काउस्सग्ग ३ प्रतिमाजी बिराजमान हैं। कमला कार वेदी पर तीनो चौविशी के २४+२४+२४-७२ के साथ कुल ७६ प्रतिमाजी जिनालय में बिराजमान हैं।
नालासोपारा (पूर्व) (३३) १००८ श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन चैत्यालय २०१, पवनपुत्र, सलसार पार्क, टांकी रोड, नालासोपारा (पूर्व) - ४०१ २०७ जि. थाणा. टेलिफोन नं.-शिखरचन्द पहाडिया - २०८ ९२ ५१, २०५ ३० ८५,
किरीट शाह - ८९३ ५०३८ । विशेष :- यहाँ मूलनायक श्री पार्श्वनाथ भगवान श्याम वर्ण के तथा आजु बाजु में श्री नेमिनाथ भगवान तथा श्री महावीर स्वामी की श्वेत पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की ५ प्रतिमाजी, चांदी की एक प्रतिमाजी, एक यंत्र, तांबे के ६ यंत्र सुशोभित हैं।
पूज्य मुनिराज १०८ तपस्वीजी श्री निश्चय सागरजी म. के सान्निध्य में प्रतिष्ठा विद्याभूषण श्री प्रदीपकुमार जैन मधुर ने वीर संवत २५११ का, फागुण सुदि ५, सोमवार को ठाठ माठ से कराई थी।
विरार (पश्चिम)
(३४) १००८ श्री वर्धमान दिगम्बर जैन मन्दिर वर्धमान नगर, एम. बी. ईस्टेट, छत्रपति शिवाजी चौक, पेट्रोल पंप के सामने, विरार - आगाशी रोड, विरार (प.), जि. थाणा, महाराष्ट्र
टेलिफोन नं.-८७३ ७० १८ कांतिभाई भूता विशेष :- इस मन्दिरजी की प्रतिष्ठा ३१ दिसम्बर १९८९ को श्री १०८ बालाचार्य योगेन्द्र सागरजी म. की निश्रा में हुई थी । यहाँ पाषाण की ४ प्रतिमाजी बिराजमान हैं। ३ नीचे और एक उपर। श्री वर्धमान स्वामी तथा आजुबाजु में श्री नेमिनाथ भगवान, श्री पद्मप्रभ भगवान उपर श्री चंद्रप्रभ भगवान, क्षेत्रपाल और पद्मावती देवी बिराजमान हैं।
For Private and Personal Use Only