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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ३३० www.kobatirth.org (३०) १००८ श्री महावीर स्वामी दिगम्बर जैन चैत्यालय शान्तिनगर हॉल, पहला माला, देवचन्द नगर रोड, भाईन्दर (प.) जि. थाणा (महाराष्ट्र ) टेलिफोन नं. - ८१९०० ४४ भरतभाई (३२) Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विशेष :- श्री कुंदकुंद स्वामी कहान मुमुक्ष जैन समाज द्वारा संचालित इस चैत्यालय की स्थापना २०५१ का भादवा सुदि ५ को बालब्रह्मचारी सतीशभाई एवं विरागजी मोदी पंडितजी के सान्निध्य में हुई थी । यहाँ मूलनायक के साथ पंचधातु की दोनो प्रतिमाजी श्री महावीर स्वामी की ही हैं। * ॐ ॐ भाईन्दर (पूर्व ) मुंबई के जैन मन्दिर (३१) १००८ श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन चैत्यालय साई रत्नम् बिल्डींग के कंपाउन्ड में, केबिन रोड, भाईन्दर (पूर्व), जि. थाणा (महाराष्ट्र ) टेलिफोन नं. - विनोद के. संघवी - ८१९ ५२८१ विशेष :- प्रतापगढ नयामन्दिर (राज.) से प्रतिमाजी लाकर यहाँ ३० - १२ - ९२ को स्थापना की है। फिलहाल यहाँ वेदी का निर्माण व प्रतिष्ठा बाकी हैं। यहाँ मूलनायक के साथ पंचधातु की कुल ५ प्रतिमाजी तथा एक तरफ श्री पद्मावती माताजी भी चैत्यालय में बिराजमान है। वसई (पश्चिम) १००८ श्री महावीर स्वामी दिगम्बर जैन मन्दिर तीन चौविशी नगर, समता नगर, सद्गुरूदेव श्री कानजी स्वामी रोड, वसई रोड (पश्चिम), जि. थाणा (महाराष्ट्र) टेलिफोन नं. - ९१२ - ३२४ ६७८ - वीरजीभाई विशेष :- श्री कानजी स्वामी एवं बहन श्री चंपाबहन के उपकार विशेष से वसई रोड शहर में श्री महावीर स्वामी दिगम्बर जिन मन्दिर का निर्माण हुआ है। For Private and Personal Use Only इस मन्दिर के पहले माले पर विशाल भव्य कमलाकार जिन वेदी पर भूत भविष्य एवं वर्तमान तीनो चौविशी जिनबिंबो को बिराजमान करने का आयोजन हुआ था। गुलाबी संगमरमर से निर्मित भव्य कलाकार जिनबिम्ब वेदी का शिलान्यास की मंगल विधि शान्ताक्रुझ निवासी श्रीमती कनकबहन किटकुमार शाह परिवार के शुभ कर कमलो से रविवार, ता. ८-१२-९६ के शुभ दिन सम्पन्न हुआ था। इसके निर्माण में श्री उपनगर दिगम्बर जैन मुमुक्ष मंडल (मलाड ) के प्रमुख श्री नगीनदास हिंमतलाल salt तथा श्री वीरजीभाई भीमजीभाई पटेल (प्रमुख) का सफल प्रयास रहा हैं। ८ दिन के भव्य महोत्सव के साथ वीर सं. २०२३, वि. सं. २०५३ का माह सुदि ५, मंगलवार,
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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