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मुंबई के जैन मन्दिर
परम पूज्य आ. श्री कलाप्रभसागरसूरीश्वरजी म. की प्रेरणा से अ. सौ. लक्ष्मीबेन मावजी रवजी रायधन (हाल थाणा) वालो की तरफ से चैत्र व आसौ मास में ओली कराने में आती हैं। यहाँ गुणसागर जैन ज्ञान भंडार एवं त्रिशला महिला मंडल की व्यवस्था हैं।
(३८२) श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर ईश्वर नगर, ई बिल्डींग तीसरा माला, लालबहादुर शास्त्री मार्ग,
भांडुप (प.), मुंबई - ४०० ०७८. टेलिफोन नं.-गुणवंतभाई - ५६७ ४३ ७०, पारसमलजी - ५६८ ४३ ८९
विशेष :- जैन शासन के महाप्रभावक पूज्यपाद युगदिवाकर आचार्य भगवन्त श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म.सा. की पुण्य प्रेरणा से वि. सं. २०२५ में ईश्वर नगर की ई बिल्डींग में बिल्डर ईश्वरभाई के सहयोग से, दूसरे माले में जैन उपाश्रय का निर्माण और तीसरे माले में जिनालय का निर्माण हुआ था।
श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस मन्दिरजी की वि. सं. २०२५ का मगसर वदि द्वि. १, शुक्रवार को परम पूज्य आ. भ. श्री विजय मोहन - प्रताप के पट्टधर प. पू. आ. भ. श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की पुनित निश्रा में महामहोत्सव पूर्वक प्रतिष्ठा हुई थी। पुन:प्रतिष्ठा आचार्य विजय पूर्णानन्दसूरीश्वरजी म. व साहित्योपासक प्रर्वत्तक पू. मुनिराज हरीशभद्रविजयजी म. की पावन निश्रा में वि. सं. २०५२ का फागुण वदि ४, शनिवार, ता. ९-३-९६ को हुई थी। ___यहाँ मूलनायक श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ भगवान तथा आजुबाजु में श्री शान्तिनाथ भगवान तथा श्री धर्मनाथ भगवान एवं एक मंगल मूर्ति सहित पाषाण की ४ प्रतिमाजी, पंचधातु की ४ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - ३ अष्टमंगल - १ के अलावा पार्श्वयक्ष, पद्मावती देवी, श्री मणिभद्रवीर, श्री घंटाकर्ण वीर. श्री नाकोडा भैरूजी बिराजमान हैं। पावापुरी शोकेस, तथा शत्रुजय पट, श्री सम्मेत शिखरजी पट भी दर्शनीय हैं। यहाँ श्री पार्श्व महिला मंडल, श्री साधना महिला मंडल की व्यवस्था हैं।
(३८३)
श्री सुविधिनाथ भगवान गृह मन्दिर दामजी नेणशी वाडी, पहला माला, रेलवे स्टेशन के पास, भांडुप (प.) मुंबई - ४०० ०७८.
टेलिफोन नं.-गुणवंतभाई - ५६७ ४३ ७० - पारसमलजी - ५६८ ४३ ८९ विशेष :- सर्व प्रथम वि. सं. २००५ का फागुण सुदि ६ को गृह मन्दिर की स्थापना हुई थी।
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