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मुंबई के जैन मन्दिर
परम पूज्य प्रेम-भुवन भानु समुदाय के परम पूज्य पन्यास प्रवर कुलचंद्र विजयजी गणिवर्य के शिष्य रत्न मुनिराज श्री प्रशांत विजयजी म. सा.
धर्म लाभ !
देव गुरु भक्तिकारक सुश्रावक श्री भंवरलालजी एम. जैन. विशेष देवगुरु-संयम यात्रा सुख पूर्वक चलती है। मोहपाडा का चातुर्मास शासन प्रभावना पूर्वक यादगार रहा । विशेष आपश्रीने अथाग परिश्रम लेकर आगाशी से मोहपाडा तक जिनमंदिर का इतिहास दुसरी आवृत्ति छपवाने की तन तोड मेहनत करके आपकी ज्ञान भक्ति एवं सेवा की धगश का परिचय दिया। इस
पुस्तक की नकले अधिक से अधिक संख्या मे सुंदर एवं आकर्षक बनाने का प्रयत्न करना
विशेष करके पूज्य गुरु भगवंतो एवं साध्वीजी महाराज के दर्शन हेतु परमात्मा के दर्शन में अति उपयोगी पुस्तक होगी। वह पुस्तक अत्यंत लोकप्रिय बनेगी साथ-साथ आबाल वृद्ध सभी पुण्यवानो पुस्तकको सहर्ष स्वीकार करेंगे।
अंत में आप ज्ञान भक्ति एवं जैन शासन की अनुपम सेवा करी मोक्ष स्थाने पामो एज मंगल कामना। दुः मुनि प्रशांत विजय, श्री आदिनाथ जैन धर्मशाळा, मोहोपाडा, रसायनी (महाराष्ट्र)
श्री आत्म - वल्लभ - समुद्र - इन्द्रदिन्न सूरीश्वरजी म. के समुदाय के शासन प्रभावक आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी म. सा.
जालंधर (पंजाब) २०-८-९६. नि:स्वार्थ समाज सेवी श्री भंवरलाल एम. जैन शिवगंग योग्य धर्म लाभ आपका पत्र मिला। यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता हुई कि आपने परमार क्षत्रियोद्वारक परमाराध्य गुरुदेव का आशीर्वाद प्राप्तकर लकवा ग्रस्त होते हुए भी बम्बई के जैन मंदिर नामक जो पुस्तक आपने
सत्रह वर्ष पूर्व प्रकाशित की थी अब उसी पुस्तक का परिवर्धित द्वितीय संस्करण प्रकाशित करने जा रहे हैं। इससे आपके मन में देह के प्रति विरक्ति और धर्म के प्रति अनुरिक्ति ही प्रगट होती हैं।
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