________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
मुंबई के जैन मन्दिर
धर्मपत्नी रवीमकोर बहन के आत्म श्रेयार्थे सेठ नागरदास, अ. सौ. मंजुलाबेन एवं सुपुत्र आदि परिवार की तरफ से वि. सं. २०३९ का काति वदि ११, शनिवार, ता. ११-१२-८२ को शिलारोपण हुआ था।
चौविश जिनालय प्रतिष्ठा जिनालय की १५७ वी वर्षगांठ पर पूज्य आ. भ. श्री नेमिसूरीश्वरजी म. सा. के समुदाय के आ. श्री विजय मेरूप्रभसूरीश्वरजी म., आ. श्री विजय देवसूरीश्वरजी म., आ. श्री विजय चंद्रोदयसूरीश्वरजी म., आ. श्री विजय अशोकचंद्रसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में २४ तीर्थंकर प्रभु की प्रतिमाजी अलग देहरियो में बिराजमान करने के लिये, मूलनायक के सामने के विभाग में श्री पुंडरीक स्वामी तथा २४ तीर्थंकरो के देहरीयो के कम्पाउन्ड में श्री गौतम गणधर पादुका, श्री रायण पादुका की अंजन शलाका वि. सं. २०४३ का मगसर सुदि ३, गुरूवार, ता. ४-१२-८६ को तथा प्रतिष्ठा वि. सं. २०४३ का मगसर सुदि ६, शनिवार, ता. ६-१२-८६ को भव्य ठाठ माठ से हुई थी। __वर्तमान में मूल गंभारे में पाषाण की ३ प्रतिमाजी, रंगमंडप में, तथा पुंडरीक स्वामी की ओर पाषाण की ३१ प्रतिमाजी तथा २४ तीर्थंकरो के प्रतिमाजी सहित कुलपाषाण की ६० प्रतिमाजी, पंचधातु की प्रतिमाजी सिद्धचक्रजी वगैरह ८० का अन्दाजा हैं।
मन्दिर के कम्पाउन्ड में एक होल में खरतर गच्छीय परम पूज्य आ. श्री जिनचन्द्रसूरि, परम पूज्य आ. श्री जिनदत्तसूरि, परम पूज्य आ. श्री जिनकुशलसूरि म. की चरण पादुकाएँ एवं श्री मोहनलालजी म. की चरण पादुकाएँ बिराजमान है।
श्री घंटाकर्ण वीर, श्री नाकोडा भैरूजी तथा एक शासनदेव की प्रतिमाजी भी बिराजमान हैं।
यहाँ साधु साध्वीजी म. के लिये अलग अलग उपासरा, भव्य खुला व्याख्यान हॉल, मोतीशा जैन पाठशाला, वि. सं. २०१३ में श्री भायखला वर्धमान तप आयंबिल भवन का जीणोद्धार, शा. सरेमलजी भेराजी साकरीया गोत्र परिवार बेडा (राज.) की तरफ से वि. सं. २०४९ का आसौ वदि १३, धन तेरस, ता. ११-११-१९९३ को उद्घाटन हुआ था। ___ यहाँ कबुतरो को दाने डालने की बहुत सुंदर व्यवस्था हैं । सेठ वनेचन्दजी देवीचंदजी बेडावाला प्याउ, युवको में श्री वल्लभ सेवा मण्डल, अलर्ट यंग ग्रुप अग्रणीय हैं । यहाँ चार महिला मण्डल भी भी भक्ति भावना में अग्रसर हैं।
(३१२) श्री गोडीजी पार्श्वनाथ भगवान शिखर बंदी जिनालय
सुमेर टॉवर कम्पाउन्ड में, मोतीशाह लेन, भायखला (पूर्व), मुंबई - ४०० ०१०. टे. फोन : ४९४ ४७ ६३ - मोहनची, बाबुलालजी - ३७५ २५ ०२, सागरमलजी - ३७८ २७ १९ विशेष : सर्वप्रथम यहाँ मूलनायक श्री गोडीजी पार्श्वनाथ प्रभु का गृह मन्दिर का निर्माण किया
For Private and Personal Use Only