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मुंबई के जैन मन्दिर
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(दहिसर (पश्चिम) (२३५) श्री शान्तिनाथ भगवान भव्य शिखरबंदी जिनालय
लोकमान्य टिलक रोड, पोस्ट ऑफिस के बाजूमें,
रेल्वे स्टेशन के सामने, दहिसर (प.), मुंबई-४०० ०६८. टे. फोन : ८९१ ८३ ०१ ओ. रसिकभाई-८९४ ६१ ६८, वीरचन्दभाई-८९३ ६१ ३७
विशेष :- सारे बम्बई महानगर के समस्त जिनालयो में सबसे अधिक विशाल घुम्मटवाले और पुरा दहिसर के सर्व प्रथम इस भव्य जिनालय का निर्माण, परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्री विजय मोहन प्रताप सूरीश्वरजी म. के पट्टालंकार जैन शासन के परम ज्योतिर्धर युगदिवाकर पूज्यपाद आचार्य भगवन्त श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म.सा. की प्रेरणा व मार्गदर्शन से हुआ है, और उनका भव्य प्रतिष्ठा महोत्सव आपकी प्रभावक निश्रामें वि.सं. २०२८ का माह सुदि ११ बुधवार, ता. २६-१-९२ को बड़े ठाठ माठ से हुआ था।
यहाँ के विशाल जिनालय के मूलनायक श्री शान्तिनाथ प्रभु ४१" परिकर के साथ ८१" की भव्य प्रतिमा के साथ पाषाण की ९ प्रतिमाजी, पाषाण के श्री गौतमस्वामी एवं सुधर्मा स्वामी एवं श्री सिद्धचक्रजी और धरणेन्द्र-पद्मावती के पाषाण पट्ट के अलावा पंचधातु की १२ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी५, अष्टमंगल-२ बिराजमान हैं।
__ श्री सम्मेत शिखरजी, श्री अष्टापदजी, श्री गिरनारजी, श्री शत्रंजय तीर्थ, श्री आबु तीर्थ के रमणीय पट्ट दर्शनीय हैं। बाहर की तरफ प. पू. आ. भ. श्री विजयसूर्योदयसूरीश्वरजी म.सा. की प्रेरणा व मार्गदर्शन से निर्मित, पूज्यपाद युग दिवाकर आचार्य भगवन्त श्री धर्मसूरीश्वरजी म.सा. का कमलाकार अष्टकोण रमणीय गुरु मन्दिर प्रत्येक दर्शनार्थीओं को आह्लाद दे रहा हैं। मन्दिर के परिसर में श्री मणिभद्रवीर, श्री घंटाकर्ण वीर, श्री नाकोड़ा भैरवजी, श्री पद्मावती माता के भव्य और रमणीय देव मन्दिर हैं।
यहाँ पूज्य पाद युग दिवाकर गुरु भगवन्त की प्रेरणा से श्रेष्ठिवर्य श्री मोतीलाल डायाभाई जैन उपाश्रय, अ.सौ. लीलावतीबेन शान्तिलाल व्याख्यान हॉल बनाया हैं। इस जिनालय - उपाश्रय का संचालन श्री दहिसर जैन श्वेताम्बर मू. ट्रस्ट कर रहा हैं।
श्री मुक्ति-कमल-मोहन जैन भवन मन्दिर - उपाश्रय की जगह से बाजू में राजमार्ग उपर विशाल भूमि खंड में श्री मुक्ति कमलमोहन-जैन भवन की आलीशान इमारत पूज्य पाद युगदिवाकर गुरु भगवंत की प्रेरणा से निर्माण की गई हैं। उसके प्रारंभ के भाग में साधर्मिक जैन भाइयों के लिये आवास स्थान हैं, और पहले माले
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