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मुंबई के जैन मन्दिर
उसका उद्घाटन का भव्य समारोह वि. सं. २०४५ के वैशाख मासमें, प. पू. युगदिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वर - यशोदेवसूरीश्वर के पट्ट. प. पू. आ. भ. श्री जयानन्दसूरीश्वरजी म. प. पू. आ.भ. श्री कनकरत्नसूरीश्वरजी म. प. पू. आ. भ. श्री महानन्दसूरीश्वरजी म. प. पू. आ. भ. श्री सूयोदयसूरीश्वरजी म. आदि विशाल साधु साध्वी समुदाय की पुण्यनिश्रामें हजारो श्रावक श्राविकाओ की उपस्थितिमें बडे ठाठ से हुआ था, और इस बडे संघकी यह अतिआवश्यकता पूर्ण हुई थी, उनके लिए तत्कालीन कार्यकर्ताओने प्रबल परिश्रम किया था।
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यहाँ सेठ मगनलाल स्वरुपचन्द सुरतवाला नूतन व्याख्यान होल, झमकबेन देवचंद पुरुषोत्तम जीरावाला व्याख्यान मंडप, जैन पाठशाला, नियमित आयंबिल शाला की व्यवस्था हैं, अ. सौ ताराबेन बाबुलाल मेहता आयंबिल शाला का नाम हैं ।
यहाँ श्री आत्मवल्लभ - समुद्र साधर्मिक सहायक मंडल, श्री मरुदेवा माता महिला मंडल, श्री मलाड जैन युवक मण्डल आदि संस्थाए अग्रणीय हैं ।
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श्री नमिनाथ भगवान गृह मन्दिर
श्री जीवतलाल चन्दभाण कोठारी वाडी, ठाकुर पार्क, स्वामी विवेकानन्द रोड, मलाड (प.), मुंबई - ४०० ०६४.
टे. फोन : हेड ओफिस ८८९ २२७४, ८८२ ६४५५
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विशेष : सेठ जीवतलाल चन्द्रभाण कोठारी जैन मन्दिर के संचालन श्री जीवीबहन जीवतलाल कोठारी कर रही थी । वर्तमान में इस मन्दिरजी का संचालन श्री मलाड श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ कर रहा हैं । सर्व प्रथम प्रतिष्ठा परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्री कल्याणसूरीश्वरजी म. की शुभ निश्रा में वि. संवत २००३ का वैशाख वद १० को हुई थी। उसके बाद आरस के श्री नमिनाथ व श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ की प्रतिष्ठा श्री लब्धि - लक्ष्मण के शिशु आ. विजय कीर्तिचन्द्र सूरीश्वरजी म. की शुभ निश्रा में वि. सं. २०३७ का जेठ सुद ३ को हुई थी ।
यहाँ मूलनायक पंचधातु की श्री नमिनाथ प्रभु के अलावा आरस के २ प्रतिमाजी, पंच धातु के ५ प्रतिमाजी, २ सिद्धचक्रजी, अष्टमंगलजी -२ सुशोभित हैं । यहाँ श्री नमिनाथ महिला मंडल की व्यवस्था हैं ।
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श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर
डी. सात, रूम नं. १६, भादरण नगर, स्वामी विवेकानंद रोड, मलाड (प.), मुंबई - ४०० ०६४.
टे. फोन : हिंमतभाई - ८०७ ३१६७, वाडीलालभाई - ८६२ २४ ४७
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