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मुंबई के जैन मन्दिर
जिसके मूलनायक प्रथम कोट में स्थापित किये गये थे, किन्तु वहाँ से प्रतिमा लाकर पायधुनी में मन्दिर बनाया गया और तत्कालीन परम पूज्य आ. विजय देवेन्द्र सूरीश्वरजी म. के आदेश से बम्बई नगर में बिराजमान श्रीमान पूज्य श्री की निश्रामें घोघा निवासी श्रेष्ठीवर्य श्री कल्याणजीभाई कानजीभाई के शुभ हस्ते श्री गोडीजी पार्श्वनाथ की प्रतिष्ठा वि.सं. १८६८ द्वितीय वैशाख सुदी-१० बुधवार को सुबह ८ बजे हुई थी। गोडीजी जिनालय में ही शामलाजी पार्श्वनाथ की प्रथम प्रतिष्ठा वि.सं. १९२५ का फागुण सुदी ४ सोमवार को प्रात:काल शुभ मुहूंत में सुरत निवासी श्रीमान साकरचन्द लालचन्दजी के शुभ कर कमलो से
हुई थी।
जिनालय - उपाश्रयका नवनिर्माण बिजली से चमचमाते मुंबई जैसे शहर में इस मन्दिरजी में बिजली का उपयोग नहीं होता था। आज नूतन मन्दिरजी को भी लाईट (बिजली) से दूर ही रखा गया है।
__श्री विजय देवरि जैन संघ - गोडीजी जैन देरासर पेढी की हार्दिक विनंती से वि.सं. २००५ में श्री गोडीजी जैन संघ में प.पू. सिद्धान्त निष्ठ आचार्य भगवन्त श्री विजय प्रतापसूरीश्वरजी म.सा. का चातुर्मास और उसके बाद वि.सं. २००६ में प.पू. युगदिवाकर आचार्य भगवन्त श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म.सा. ( उस समय उपाध्याय प्रवर) का ऐतिहासिक और यादगार चातुर्मास गोडीजी जैन उपाश्रय में हुआ। प्रतिदिन सुबह और दोपहर को श्री भगवती सूत्र के प्रवचनों, शासन के अनेक महान कार्यो और विविध अनुष्ठानो - आराधनाओं से परिपूर्ण इस चातुर्मास में आप श्री की प्रभावशाली प्रेरणा से श्री गोडीजी के १५० वर्ष प्राचीन विशाल उपाश्रय का जीर्णोद्धार का श्री गणेश हुआ था। उस समय के रु १५ लाख के खर्च से पाँच मंजिल का भारत भर में प्रथम नंबर का अजोड़, नूतन, आलीशान भव्य उपाश्रय तैयार हुआ, उसका उद्घाटन आप श्री की पुण्य निश्रा में संवत् २०१६ में श्री आणन्दजी कल्याणजी पेढी के प्रमुख श्री कस्तूरभाई लालभाई के कर कमलो द्वारा हुआ था।
वि.सं. २००६ के चातुर्मास बाद आपश्री की प्रेरणा से श्री गोडीजी जैन संघ की तरफ से शेठ मोतीशा भायखला तीर्थ में ७०० आराधको के ऐतिहासिक उपधान तप मालारोपण के प्रसंग पर पोष वद पंचमी को शुभ मुर्हत में प. पूज्य आ.भ. श्री प्रतापसूरीश्वजी म. के शुभ हस्ते प.पूज्य युग दिवाकर गुरुदेव श्री धर्मसूरीश्वरजी म. को आचार्य पदार्पण का महा महोत्सव ५० हजार के विराट जन समूह के बिच बड़े ठाठ माठ से हुआ था।
श्री गोडीजी दादा उपर परम पूज्य युगदिवाकर आ. भगवन्त को अतुलनीय भक्ति एवं श्रद्धा थी। श्री गोडीजी संघ पर आप श्री के अगणित उपकारो हैं। यहां आपश्री के वि.सं. २००६ - १७ - २३२८ - ३२ में चातुर्मासो का अपूर्व लाभ मिला था।
वि.सं. २०१८ में वैशाख सुदी १० के दिन पू. युग दिवाकर गुरुदेव श्री की प्रेरणा से श्री गोडीजी पार्श्वनाथ सार्ध शताब्दी महोत्सव बडी धामधूम से मनाया गया था तब १०८ छोड का भव्य उजमणाउद्यापन हुए थे, उसमे उस समय के एक लाख २५ हजार के जवेरात का छोड भी रखने में आया था । उस समय श्री गोडी पार्श्वनाथसार्ध शताब्दी ग्रन्थ' का प्रकाशन हुआ था। वि.सं. २०१८ में श्री गोडीजी
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