________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir HCCA मं० म० // 19 // BOLLY 126 // 127 // 128 // 129 // 130 // 131 // 132 // त्वगादियोगइति // गंयंत्वगात्मभ्योजटिदीप्तिभ्यां सदाशिवःकामदायुगामोदोमदजिह्वया // दुर्मुखोभूतिसंयुक्तःसुमुखोभौतिकायुतः॥ 126 // प्रमोदः / सितयायुक्तएकपादोरमायुतः॥ द्विजिह्वोमहिषीयुक्त शूरश्चापितुभंजिनी // 127 // वीरोविकर्णया / युक्त षण्मुखोभृकुटीयुतः // वरदोलजयावामदेव स्याहाघोणया // 128 // धनुर्धरावक्रतुंडोद्विरदो यामिनीयुतः॥ सेनानीरात्रिसंयुक्त कामांधोग्रामणीयुतः॥ 129 // मत्तःशशिप्रभायुक्तोविमत्तोलोल लोचनामितवाहनचंचलेजटीदीप्तिसमन्वितः॥१३०॥ मुंडीसुभगयायुक्त खड्गीदुर्भगयातथा // वरेण्य श्वशिवायुक्तोभगायुग्वृषकेतनः॥१३१॥ भक्तप्रियश्चभगिनीगणेशोभोगिनीयुतः।मेघनादश्च सुभगाव्या सीस्यात्कालरात्रियुक।।१३२॥ गणेश्वर कालिकेतिप्रोक्ताविनेशमातृकात्विगादियोगोयादीनांपूर्ववत्प रिकीर्तितः // 133 // कलायुक्मातृकायास्तुप्रजापतिऋषिःस्मृतः // छंदउक्तंतुगायत्री देवताशारदा भिधा // 134 // नमइत्यादि // 133 // 134 // 1 अस्यकलामाकान्यासस्यप्रजापतिऋषिःगायत्रीछंदःशारदादेवतान्यासेवि०॥ 198 // For Private and Personal Use Only