________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir INCREADJJSJJJD सटीक त०१७ मं०म० BEIइंद्विति // सबिंदुर्वामकर्णऊआढयोयस्याईदृशा अर्धीशयुक्तयाऊयुतयामाययाशिखाम् // हुंशिखायै // 119 // वषट् // सवाग्भ्यामैयुताभ्यामकुशपद्माभ्यांवर्म // बॅकवचायहुं // 7 // वर्मास्त्राभ्यामस्त्रम्॥हुंफट्अस्त्रा इंद्वाट्यवामकर्णाव्यमाययार्घाशयुक्तया // शिखामंकुशपद्माभ्यांसवाग्भ्यांवर्मविन्यसेत् // 7 // वर्मा स्त्राभ्यामस्त्रमुक्तंशेषाणापकंचरेत् // हृदयेजठरेनाभौजठरेगुह्यदेशके // 8 // दक्षपादेवामपादेस क्थिजानुनिजंघयोः // विन्यसेद्धीजदशकंप्रणवद्वयमध्यगम् // 9 // ताराद्यानवशेषार्णान्मस्तकेचल लाटके ॥ध्रुवो श्रुत्योस्तथैवाक्ष्णोर्नसिवक्रेगलेऽसके // 10 // सर्वमंत्रेणसर्वांगेकृत्वाव्यापकमादयः॥ सर्वेष्टसिद्धयेध्यायेत्कार्तवीर्यजनेश्वरम् // 11 // 7165664FRAM यफट् ॥शेषाणैः कार्तवीर्यार्जुनायनमइतिव्यापकम् // वर्णन्यासमाह // हृदयइति // सक्थ्नोरूर्वोर्जानुनोर्ज घयोरेकैकमेव // प्रणवद्वयांतस्थंबीजंन्यसेत् ॥ॐॐहृदिखींॐजठरइत्यादि // 8 // 9 // ताराद्यानितिm१४९।। ॐकांमस्तके // ॐ ललाटेइत्यादि // 10 // 11 // 15888568818616 For Private and Personal Use Only