________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir // 1 // बालामंत्रमाह // दामोदरइति // दामोदरऐ॥ चंद्रयुतीबिंदुयुतः॥वागितिसंज्ञास्य // विधिःकः / / वासवशांतीदुयुतः॥ लईबिंदुयुताक्लीं।भृगुःसः॥ संकर्षणऔ॥ तेनविसर्गेणचयुतःसौः॥२॥३॥ मध्यां अथवालांप्रवक्ष्यामिमंत्रीसंसेव्ययांद्रुतम् // बृहस्पतिःकुबेरश्चजायतेविद्ययाधनैः॥१॥ दामोदरश्चंद्रयुत आयवाग्वीजमीरितम् // विधिर्वासवशांतीदुयुक्तंकामाभिधपरम् // 2 // संकर्षणविसर्गाढयोभृगुस्तार्ती यमीरितम्॥त्रिबीजीगदितावालाजगत्रितयमोहिनी॥३॥दक्षिणामूर्तिपंक्तीचमुनिश्छंदःक्रमावस्मृतम् // देवतात्रिपुरावालामध्यांतेशक्तिवीजके // 4 // नाभेरापादमागंतुनाभ्यांतंहृदयात्परम् / / मूर्ध्निहृदं तंतार्तीयंक्रमादेहेप्रविन्यसेत् // 6 // आवामकरेदक्षकरेन्यदुभयोःपरम् // पुनर्बीजत्रयंन्यस्येन्मूर्ध्निगुह्ये चवक्षसि // 6 // नवयोन्यभिधेन्यासेनवकृत्वोमनुंन्यसेत् // कर्णयोश्चिबुकेन्यस्येच्छंखयोर्मुखपंकजे॥७॥ तेमध्यंशक्तिः अंतेबीजम् // 4 // नाभेः पादांतमाद्यंबीजंन्यस्येत् // एवमपि // 5 // दक्षकरेऽन्यद्वितीयं // परंतृतीयंतूभयोःकरयोर्त्यसेत् // 6 // काँचिबुकमित्याद्यवयवानांत्रिकोणाकारत्वाद्योनिन्यासोयम् // 7 // 1 ऐक्कीसौः // इतित्रिवर्णः / 2 अस्यबालामंत्रस्यदक्षिणामूर्तिर्ऋषिःपंक्तिछंद त्रिपुराबालादेवतामध्यंक्लीशक्तिःअंतेसौःबीजममाभीष्ट सिद्धयर्थे जपेविनियोगः / For Private and Personal Use Only