________________ Shri Mar Jain Aradhana Kendra www. bath.org Acharya Shri Kalassagasun Gyanmandir ॥श्रीगणेशाय नमः // अथ मुद्राप्रकारः / / अथ मुद्राः प्रवक्ष्यामि सर्वतंत्रेषु गोपिताः॥ याभिविरचिताभिश्च मोदंते मंत्रदेवताः // 3 // / अर्चने जपकाले च ध्याने काम्ये च कर्मणि // नाने चावाहने शंखे प्रतिष्ठायां च रक्षेग // 2 // नैवेद्ये च तथान्यत्र तत्तत्कल्पप्रकाशिते / स्थाने मुद्राः प्रद्रष्टव्याः स्वस्वलक्षणलक्षिताः // 3 // आवाहनादिका मुद्रा नव सा सारणी मता / / तथा षडंगमुद्राश्च सर्वमंत्रेषु योजयेत्।। // 4 // एकोनविंशतिर्मुद्रा विष्णोरुक्ता मनीषिभिः // शंखचक्रगदापद्मवेणुश्रीवत्सकौस्तुभाः // 5 // बनमाला तथा ज्ञान मुद्रा बिल्वाह्वया तथा // गरुडाख्या परा विष्णोर्मुद्रा संतोपवादिनी // 6 // नारसिंही च वाराही हयग्रीवी धनुस्तथा // बागमुद्रा / ततः पर्युर्जगन्मोहिनिका च सा // 7 // काममुद्रा परा ख्याता शिवस्य दश मुद्रिकाः। लिंगयोनित्रिशूलाख्या मालेटाभिगात्मिका॥ // 8 // खटांगा च कपालाख्या डमरुः शिवतोषिका // सूर्यस्यैकैव पद्माख्या सतमुद्रा गगेशितुः // 9 // दंतपाशांकुशाविन्नपशुलड्डु * कसंज्ञकाः॥बीजपूराह्वया मुद्रा विज्ञेयाविनपूजने // 10 // पाशांकुशवराभीतिखड्गचर्मधनुःशराः // मौशलीमुद्रिका दौी मुद्रा / शक्तेः प्रियंकराः // 11 // लक्ष्मीमुद्रार्चने लक्ष्म्या वाग्वादिन्यास्तु पूजने // अक्षमाला तथा बीणा व्याख्या पुस्तकमुद्रिका // 12 // सप्तजिह्वाह्वया मुद्रा विज्ञेया वह्निपूजने // मत्स्यमुद्रा च कुर्माख्या लेलिहा मुंडसानेका // 13 // महायोनिरिति ख्याता सर्वसिद्धि / समृद्धिदा // शक्त्यर्चने महायोनिः श्यामादौ मुंडमुद्रिका // 14 // मत्स्यकूर्मलेलिहाख्या सर्वसाधारणी मता // दश मुद्राश्च विज्ञेया / त्रिपुरायाः प्रपूजने // 15 // संक्षोभद्राविणाकर्षवश्योन्मादमहांकुशाः॥ खेचरी बीजयोन्याख्या त्रिखंडा परिकीर्तिता // 16 // कुंज मुद्राभिषेके स्यात्पन्नमुद्रासने तथा // कालकर्णी प्रयोक्तव्या विनाशमकर्मणि // 17 // गालिनी च प्रयोक्तव्या जलशोधनकर्मणि // For Private And Personal Use Only