________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kasagarsur Gyanmandir mm.kabalrm.org म. म. // 29 // सामगानां कपाकरः // धरात्मजः कुजो भोमो भूतिदो भूमिनन्दनः // 3 // अंगारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः // वृष्टिकर्तापहर्ता च पू. खं० सर्व कामफलप्रदः // 4 // एतानि कुजनामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् // ऋणं न जायते तस्य धनं प्रामोत्यसंशयः॥५॥ अंगारको मि• तं. तिबलवानपि यो ग्रहाणां स्वेदोद्भवखिनयनस्य पिनाकपाणेः // आरक्तचन्दनसुशीतलवारिणा योप्यायर्चितोऽथ विपुलां प्रददाति सिद्धि म्॥६॥भोजो धरात्मज इति प्रथितः पृथिव्यां दुःखापहो दुरितशोकसमस्तहर्ता // नृणामृणं हरति तान्धनिनः प्रकुर्याद्यः पूजितः सकलम, गलवासरेषु // 7 // एकेन हस्तेन गदां बिभर्ति त्रिशूलमन्येन ऋजुक्रमेण // शक्तिं सदान्येन वरं ददाति चतुर्भुजो मंगलमादधातु // 8 // यो मंगलो मंगलमादधाति मध्यग्रहो यच्छति वांछितार्थम् // धर्मार्थकामादिसुखं प्रभुत्वं कलत्रपुत्रैर्न कदा वियोगः // 9 // कनकमयश रीरतेजसा दुर्निरीक्ष्यो हुतवहसमकांतिौलवे लब्धजन्मा॥अवनिजतनयेषु श्रूयते यः पुराणो दिशतु मम विभूति भूमिजः सप्रभावः // 10 // इति वशिष्ठसंहितायां भौमस्तोत्रं समाप्तम् // अथ बुधस्तोत्रप्रारम्भः // पीताम्बरः पीतवपुः किरीटी चतुर्भुजो देवदुःखापहर्ता // धर्मस्य / धृक् सोमसुतः सदा मे सिंहाधिरूढो वरदो बुधश्च // 1 // प्रियंगुकनकश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम् // सौम्यं सौम्यगुणोपेतं नमामि शशिनन्दन नम् // 2 // सोमसूनुर्बुधश्चैव सौम्यः सौम्यगुणान्वितः // सदाशांतः सदा क्षेमो नमामिशशिनन्दनम् // 3 // उत्पातरूपी जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युतिः॥ सूर्यप्रियकरो विद्वान् पीडां हरतु मे बुधः // 4 // शिरीषपुष्पसंकाशः कपिशीलो युवा पुनः // सोमपुत्रो बुधश्चैव सदा : शांतिं प्रयच्छ तु // 5 // श्यामः शिरालश्च कलाविधिज्ञः कौतूहली कोमलवाग्विलासी // रजोधिको मध्यमरूपधृक् स्यादाताम्रनेत्रो द्विज // राजपुत्रः // 6 // अहो चन्द्रसुत श्रीमन मागधर्मासमुद्भवः // अत्रिगोत्रश्चतुर्बाहुः खनखेटकधारकः // 7 // गदाधरो नृसिंहस्थः ति वशिष्साहा सिंहाचा सौम्यगुणा // 4 // For Private And Personal Use Only