________________ www.kobatm.org Acharya Shellssagaur yanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मं०म०लामेण / ॐ लं इन्द्राय नमः।इन्द्रश्रीपा०॥१॥ॐ रं अनये नमः।अग्निश्रीपा०॥२॥ॐ म यमाय नभैः।यमश्रीपा०॥३॥ॐ क्ष निर्वतये नमःख // 393 // नितिश्रीपा०॥४॥ॐ वं वरुणाय नमःवरुणश्रीपा०॥५॥ॐ यं वायवे नमः।वायुश्रीपा०॥६॥ॐ कुबेराय नमः।कुबेरश्रीपा०॥७॥ ॐ हं ईशानाय नमः / ईशानश्रीपा० // 8 // इन्द्रेशानयोर्मध्ये ॐ आंब्रह्मणे नमः / ब्रह्मश्रीपा० // 9 // वरुणनित्योर्मध्ये ॐ ह्रीं अनंताय नमः / अनंतश्रीपा० // 10 // इति दिक्पालान् पूजयित्वा पुष्पांजलिं च दद्यात् // इति चतुर्थावरणम् // 4 // तद्वारा ॐ वं वज्राय नमः॥१॥ ॐ शं शक्तये नमः // 2 // ॐ दं दंडाय नमः // 3 // ॐ खं खड्गाय नमः॥४॥ ॐ पंपाशाय नमः॥५॥ ॐ अं अंकुशाय नमः // 6 // ॐ गं गदायै नमः // 7 // ॐ त्रिं त्रिशूलाय नमः // 8 // ॐ में पद्माय नमः // 9 // ॐ चं चक्राय नमः // 10 // इत्यत्राणि पूजयित्वा पुष्पांजलिं च दद्यात् // इत्यावरणपूजां कृत्वा धूपादिनीराजनांत संपूज्य जपं कुर्यात् // अस्य पुरश्च धरणं षड्लक्षजपः / षट्सहस्रहोमः / तत्तदशांशेन तर्पणमार्जनब्राह्मणभोजनं च कर्यात् // एवं कते मंत्रः सिद्धो भवति / सिद्ध मंत्र मंत्री प्रयोगान् साधयेत् // तथा च // “रसलक्षं जपेन्मंत्र साधको विजितेन्द्रियः॥ तत्सहस्रं प्रजुहुयात्पायमेन ससर्पिषा // 3 // सोमांत पूजिते / पीठे पूजयेद्रोहिणीपतिम् // एवं सिद्धमनुमंत्री संपदा वसतिर्भवेत् // 2 // हृत्पुंडरीकमध्यस्थं ताराहारविभूषणम् // तारापति स्मरन्मंत्री त्रिसहस्रं मनुं जपेत् // 3 // राज्यश्वर्य दारद्रोपि प्राप्नुयावत्सरांतरे // पूर्वोक्तसंख्यं प्रजपेच्छशिनं मूर्ध्नि चिंतयेत् // 4 // रोगापमृत्यु दुःखानि जित्वा वर्षशतं वसेत् // ब्रह्मचर्यरतः शुद्धश्चतुर्लक्षमिदं जपन् // 5 // निधानं भूगतं सद्यः प्राप्नुयाद्यत्नवर्जितम् // जितेंद्रियो / जपेन्मंत्र पूर्णिमायां विशेषतः // 6 // भवेत्सौभाग्यनिलयः संपदामपरो निधिः // घोराज्वरान् शिरोरोगानभिचारानुपद्रवान // 7 // For Private And Personal Use Only