________________ www.kabath.org Acharya Shri Kalassagarsur Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मं०म० // 15 // तिलके ) घुमंत्रा हुंफडतः स्युठिांतास्तु स्त्रियो मताः॥ नपुंसका नमोंताः स्युरित्युक्ता मनवविधा // 369 // (मंत्रमहोदधौ) पुंस्त्रीनपुंसकाः ख० 1501 पोक्ता मनवविविधा बुधैः // बषडंता फडंताश्च पुमांसो मनवः स्मृताः // 370 // वौषट् स्वाहातगा नार्यो झ्नमांता नपुंसकाः॥ वश्योचाटनरोधेषु पुमांसः सिद्धिदायकाः // 371 // क्षुद्रकर्मरुजां नारो स्त्रीमंत्राः शघिसिद्धिदाः // अभिचारे स्मृता क्लीबा एवं ते मन / वविधा // 372 // ( अग्निचन्द्रसम्बंधिमंत्रा ग्रंथांतरे ) प्रणवाक्षररेफहकारपाया मंत्रा आग्नेयाः // इन्द्रामृताक्षरपाया मंत्राः सौम्याः सूर्ये वहति // आनेयानां प्रबोधकालश्चन्द्रे सौम्यानाम् // स्वप्रबोधकाले मंत्रग्रहणे जपे च कृते तात्कालिकसिद्धिः स्यादेवति // 373 // (बीजमंत्रादिप्रकारो मंत्रमहोदधौ ) बीजमंत्रास्तथा मंत्रा मालामंत्रास्तथापरे / त्रिधा मंत्रगणाः प्रोक्ता बुधैरागमवेदिभिः // // 374 // बीजमंत्रा दशाणांतास्ततो मंत्रा नखावधिः // विंशत्यधिकवर्णा ये मालामंत्रास्तु ते स्मृताः॥ 375 // बाल्ये वयसि | सिद्धयति बीजमंत्रा उपासितुम्॥मंत्राः सिद्धा यौवने तु मालामंत्राश्च वाईके॥३७६॥ उक्तान्यस्यामवस्थायामभीष्टप्राप्तये सुधीः // बीज मंत्रादिमंत्राणां द्विगुणं जपमाचरेत् ॥३७७॥(गुप्तचैतन्यशक्तियुक्तमंत्राः शिवोपि ) गुप्तवीर्याश्च ये मंत्रा न दास्यति फलं प्रिये // मंत्राचे तन्यसहिताः सर्वसिद्धिकराः स्मृताः // 378 // चैतन्यरहिता मंत्रा प्रोक्ता वर्णास्तु केवलाः // फलं नैव प्रयच्छंति लक्षको टिजपादपि // 379 अथ कामनापरत्वेन मंत्रादौ बीजनिर्णयः / (मालिनीविजये) यदि दोषे तु सर्वत्र मायाकाममथापि वा // क्षिप्त्वा ह्यादौ श्रियं दद्यात्सर्वदोषविमुक्तये // 380 // प्रणवो भुवनेशानि रमाबीजमनोभवम् // जीवनं सर्वमंत्राणामित्याहुर्भगवा / ञ्छिवः // 381 // श्रीबीजाद्यं यदा जप्यं तदा लक्ष्मीरचंचला // कामाद्यं जपनादेव सर्वलोकं वशं नयेत॥ For Private And Personal Use Only