________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kalassagarsur Gyanmandir www.kobatrm.org भस्मना पंचत्रिपुंडूं कृत्वा रुद्राक्षमालां धारयन् वैदिकीसंध्या विधाय तांत्रिकी कुर्यात् // अथ तांत्रिकीसंध्याप्रयोगः // देशकालो संकीर्त्य श्रीवटुकभैरवाराधनयोग्यताजननार्थ तंत्रसंध्यामहं करिष्ये इति संकल्प्य // " ॐ ह्रीं आत्मतत्त्वाय साहा // 1 // ॐ ह्रीं विद्यातत्त्वाय स्वाहा // 2 // ॐ हूँ शिवतत्त्वाय स्वाहा // 3 // " इति त्रिराचम्य मूलेन प्राणानायम्य ऋष्यादिकरांगन्यासान कृत्वा मूलेन जलं संवीक्ष्य // “अस्त्राय फट् // " इति संप्रोक्ष्य / अनेनेव दर्भेण संताड्य "कवचाय हुम् // " इत्यायुक्ष्य तज्जलेन कुंभमुद्या मूर्ध्नि सिंचेत् // ततो बामपाणी दक्षेण तीर्थजलमादाय ॥ॐ ह्रां बां। हृदयाय नमः // " इति मंत्रेण मावारमभिमंत्र्य तदलितोदकबिंदुतिदक्षहस्तेन शिरसि मार्जयेत् // तत्र मंत्राः // हां वा हृदयाय नमः वौषट् // 1 // ह्रीं वी शिरसे स्वाहा वौषट् ॥२॥हूं धूं शिखायै वौषट् // 3 // हैं बैंकवचाय हूं वौषट् ॥४॥हीं वौं नेत्रत्रयाय वौषट् // 5 // ह्वः वः अस्त्राय फट् // 6 // ॐ आं हां व्योमव्यापिने नमः // 7 // ॐ सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमोनमः। भवे| भवेनातिभवेभवस्वमां भवोद्भवाय नमः // 8 // ॐ वामदेवाय नमोज्येष्ठाय नमः श्रेष्ठाय नमो रुद्राय नमः कालाय नम :कलविकरणाय न मोबलायनमोबलविकरणायनमोबलप्रमथनायनमःसर्वभूतदमनायनमोमनोन्मनायनमः // 9 // ॐ अघोरण्याथधोरेन्योघोरघोरतरत्यः॥ सर्वेन्यःसर्वशर्वेयोनमस्तेअस्तुरुद्ररूपेत्यः // 10 // ॐ तत्पुरुषायविद्महेमहादेवायधीमहि / / तन्नोरुद्रःप्रचोदयात् // 11 // ईशानः सर्वविद्यानामीश्वरःसर्वभूतानांब्रह्माधिपतिब्रह्मणोधिपतिर्ब्रह्माशिवोमेस्तुसदाशिवोम् // 12 // ह्रां ह्रीं हूं मूलमंत्रश्च / एतैमंत्रैर्मार्जयित्वा / वामहस्तस्थं जलं वामनासासमीपमानीय इडया देहांतरादाक्रप्य पापौघं प्रक्षाल्य कृष्णवर्ण तदुदकं दक्षिणया विरेच्य वामहस्तस्थमुदकं For Private And Personal Use Only