________________ Shri Marian Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kalassagarsur Gyanmandir कुटिलालकाट्यम् // वक्त्रं दधानमणिमादिगुणैर्हि युक्तं हस्तद्वयं मणिमयैः पद पणैश्च // 3 // प्रातर्नमामि बटुकं तरुणं त्रिनेत्रं कामास्पदं / *वरकपालत्रिशुलदंडान // भक्कार्तिनाशकरणे दधते करेषु त कौस्तुभाभरणभूषितदिव्यदेहम् // 2 // प्रातःकालेसदाऽहंभगणारिधरं / भालदेशे महेशं नागं पाशं कपालं डमरुमथ भूणि खगघंटाभयानि // दिग्वस्वं पिंगकेशं त्रिनयनमहितं मुंडमालं करेषु यो धत्ते भीमदं मम विजयकर भैरवं तं नमामि॥३॥देवदेव कृपासिंधो सर्वनाशिन्महाऽव्यय॥संसारासतचिनं मां मोक्षमार्ग निवेशय॥ 4 // एतच्छोकचतुष्कं / व जैरवस्य तु यः पठेत् // सर्वबाधाविनिर्मुक्तो जायते निर्भयः पुमान॥५॥"एवं ध्यात्वा गुरुमंत्रदेवतात्मनामैक्यं विभाव्य अजपाजपं गु समर्पयेत् // अथाजपाजपसंकल्पः संक्षेपतः // "आधारे लिंगनानी हृदयसरसिजे तालुमले ललाटे वे पत्रे पोडशारे दिवशदशदले द्वाद। शार्द्ध चतुष्कावासांते बालमध्ये डफकठसहिते आदियुक्त स्वराणां हंशेतत्वार्थयुक्त सकलदलगतं वर्णरुपं नमामि॥ ३॥शतं तु गणेशस्य / / पटसहस्र प्रजापतेः // पद्महस्रं गदापाणेः पट्महस्रं पिनाकिनः // 2 // आत्मनस्तत्महतं च महरं परमात्मनः॥ बहन श्रीगुरुत्यश्च व तानि विनियोजयेत // 3 // हंसो गणेशो विधिरेव हंसो हंमो हरिहनमयश्च शंभुः / / हेमोपि जीवो परमात्महंसो हंसो गुरु सहभमयश्च शंभुः // 4 // " इति पठित्वा // अहोरात्रोचारितं पशताधिकमेकविंशतिलहनमुच्छामनिःश्वासात्मकमजपागायत्री मंत्रजपं श्रीगणेशब्रह्मविष्णुरुद्रजीवात्मपरमात्मश्रीगुमायो यथासंख्यं समर्पयामि // इत्युक्त्वाष्टोत्तरशतावृनिं हंसगायत्री जपेत / / अथ हंमगायत्रीमंत्रः // हरिः ॐ " हंसोहंसस्य विद्महे हमोहंसस्यधीमहि मोहमः प्रचोदयात // " इति जपित्वा // " त्रैलोक्यचैतन्यमयि त्रिशने श्रीविश्वमातर्भवदाजयैव // प्रातः समुत्थाय तब प्रियार्थ ममारयात्रामनुवर्तयामि // // " इति मंधार्य भूमिं प्रार्थयेत् / / n 55074-9-o For Private And Personal Use Only