________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir पू० खं० 1 भै० 0 तरं०१० तर म. शक्तये नमः पादयोः // 5 // ॐ कीलकाय नमः सर्वांगे॥६॥ इति ऋष्यादिन्यासः॥ ऐं ह्रीं श्रीं आपदुद्धारणाय अंगुष्ठाश्यां नमः॥१॥ // 237 // हां ह्रीं हूँ अजामलबद्धाय तर्जनीभ्यां नमः // 2 // लोकेश्वराय मध्यमाभ्यां नमः॥३॥ स्वर्णाकर्षणभैरवाय अनामिकाभ्यां नमः॥४॥ / मम दारियविद्वेषणाय कनिष्ठिकाभ्यां नमः // 5 // महाभैरवाय नमः / श्रीं ह्रीं ऐं करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः // 6 // इति करन्यासः // कहीं श्रीं ऐं श्री आपदुद्धारणाय हृदयाय नमः // 1 // ह्रां ह्रीं हूँ अजामलबद्धाय शिरसे स्वाहा // 2 // लोकेश्वराय शिखायै वषट्॥३॥ स्वर्णाकर्षणभैरयाय कवचाय हुम् // 4 // मम दारियविदेणाय नेत्रत्रयाय वौषट् // 5 // महाभैरवाय नमः श्रीं ह्रीं ऐं अखाय फट् // 6 // इति हृदयादिषडंगन्यासः // एवं न्यासविधि कृत्वा ध्यायेत् // अथ ध्यानम् // “पीतवर्ण चतुर्वाई त्रिनेत्रं पीतवाससम् // अक्षयस्वर्ण गाणिश्यं तडित्परितपात्रयम् // 1 // अभिलषितं महाशूलं तोमरं चामरद्वयम् // सर्वाभरणसंपन्नं मुक्ताहारोपशोभितम् // 2 // मदोन्मत्तं | सुखासीनं भक्तानां च वरप्रदम् // संततं चिंतयेदृश्यं भैरवं सर्वसिद्धिम् / / 3 // पारिजातद्रुमकांतारस्थिते मणिमंडपे / / सिहासनागतं ध्यायेरवं स्वर्णदायकम् // 4 // गांगेयपानं डमरु त्रिशलं बरं करः संदधतं त्रिनेत्रम् // देव्या युतं तनसुवर्णवर्ग स्वर्णाकति भैरवमा | श्रयामि / / 5 // " इति ध्यात्वा मानसोपचारः संपूजयेत / ततः पीठादा रचिते सर्वतोभद्रमंडले लिंगतोभद्रमंडले या मंडूकादिपरतत्त्वांतपीठ देवताः पद्धतिमार्गेण संस्थाप्य ॐ मं मंडकादिपरतत्त्वांतपीठदेवताभ्यो नमः। इति संपूज्य नव पीठशनीः पूजयेत्।।तद्यथा-पूर्वादिक्रमेण / ॐ वामायै नमः // 2 // ॐ ज्येष्ठायै नमः / / 2 // ॐ रोये नमः // 3 // ॐ काल्यै नमः // 4 // ॐ कलविकरण्यै नमः / / 5 / / For Private And Personal Use Only