________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir ॐ बलविकरण्यै नमः।।६।। ॐ बलप्रमथिन्यै नमः॥७॥ ॐ सर्वभूतदमन्यै नमः।।८॥ मध्ये / ॐ मनोन्मन्यै नमः।। 9 // इति पीठ शक्ती संपूजयेत् // ततः स्वर्णादिनिर्मित यंत्रं मूर्ति वा ताम्रपाने निधाय घृतेनात्यज्य तदुपरि दुग्धधारां जलधारां च दत्त्वा स्वच्छवस्त्रेण संशोध "ॐ नमो भगवते स्वर्णाकर्षगरवयोगपीठात्मने नमः // " इति मंत्रेण पुष्पायासनं दत्त्वा पीठमध्ये संस्थाप्य | पुनध्यायेत् // ॐ गांगेयपानं उमर त्रिशूलं वरं करैः संदधतं त्रिनेत्रम् // देव्या युतं ततसुवर्णवर्ण स्वर्णाकति भैरवमाश्रयामि Nin 1 // ध्यानम् / मन्दारद्रुममूलभाजि महति माणिक्यसिंहासने संविष्टोदरभिन्नपंकजरुचा देव्या कृतालिंगनः // भक्तव्यः करां| रत्नपात्रभरितं स्वर्ण ददानोऽनिशं स्वाकर्षणभैरवो विजयते स्वर्गापवर्गकभः // // इति ध्यात्वा / मूलेन मूर्ति प्रकल्प्यावाहनादि पुष्पतिरुपचारः संपूज्य देवाज्ञया आवरणपूजां कुर्यात् // तद्यथा। पुष्पांजलिमादाय। "ॐ संविन्मयः परो देवः परामृतरसप्रियः।। अनुज्ञ दिहि पेटुक परिवारार्चनाय मे // 1 // इति पठित्या पुष्पांजलि दद्यात् / इत्याज्ञां गृहीत्वा आवरणपूजामारभेत्।। तथा च ततोऽष्टदले पूज्यजकयोरंतराले प्राची तदनुसारेण अन्या दिशः प्रकल्प्य प्राच्यादिक्रमेण ॐ आकाशाय नमः। मूर्ध्नि पजयामि // 1 // ॐ समी रणाय नमः / मुखे पूजयामि // 2 // ॐ दनाय नमः / बाह्वोः पूजयामि // 3 // ॐ वैवर्ताय नमः। हृदि पूजयामि॥ 4 // ॐ विश्वंभराय नमः / उदरे पूजयामि // 5 // ॐ ब्रह्मणे नमः / कटी पूजयामि // 6 // ॐ जनार्दनायनमः / जानुनोः पूजयामि // 7 // ॐ इन्द्राय नमः / पादयोः पूजयामि // 8 // इत्यष्टांगानि पूजयेत्॥ ततः पुष्पांजलिमादाय मूलमुचार्य "ॐ अभीष्टसिद्धिं मे देहि शरणागतवत्सल भक्त्या समर्पये तुभ्यं प्रथमावरणार्चनम् // 1 // " इति पठित्वा पुष्पांजलिं च दत्त्वा विशेषाद्विदं निःक्षिप्य समुद्राः सचक्रकाः सायुधाः For Private And Personal Use Only