________________ S a n Aradhana Kendra Acharya Shri Kalassagarsun Gyanmandir ॐ ह्रां वां सद्योजाताय नमः कनिष्ठिकयोः // 5 // इति करन्यासः // ॐ ह्रौं वौं ईशानाय ऊर्ध्ववक्राय नमः शिरसि // 3 // ॐ हूँ मैं तत्पुरुषाय पूर्ववकाय नमः मुखे // // ॐ हूं व अघोराय दक्षिणवत्राय नमः दक्षिणकर्ण // 3 // ॐ ह्रीं वीं वामदेवाया उत्तरवक्राय नमः वामकर्णे // 4 // हां वां सद्योजाताय पश्चिमवक्राय नमः चुडाधः // 5 // इति मूर्तिन्यासः // ॐ ह्रौं वों ईशा नाय नमः शिरसि // 1 // ॐ हैं बैं तत्पुरुषाय नमः मुखे // 2 // ॐ हूं अघोराय नमः हृदये // 3 // ॐ ह्रीं वीं वामदेवाय / नमः गुह्ये // 4 // ॐ ह्रां वां सद्योजाताय नमः पादयोः // 5 // इति पंचब्रह्ममंत्रन्यासः / / ॐ हा या हृदयाय नमः।। 1 / / ॐ ही वी शिरसे स्वाहा / / 2 // ॐ हूं धूं शिखायै वषट् / / 3 / / ॐ ह वै कवचाय हुम् / / 4 / ॐ ह्रौं वा नेत्रत्रयाय वौषट् // 5 // ॐ ह्रः वः अस्त्राय फट / / 6 / / इति हृदयादिषडंगन्यासः / ततः ॐ सुदर्शनायास्त्राय फट् इत्यस्त्रमंत्रेण तालैश्छोटिकाभिर्वा दशदि बंधनं कृत्वा ध्यायेत् / / अथ ध्यानम् / / ॐ शुद्धस्फटिकसंकाशं सहस्रादित्यवर्चसम् / / नीलजीमृतसंकाशं नीलांजनसमप्रजम् // 1 // अष्टबाहुं त्रिनयनं चतुर्बाहुं द्विवाहुकम् // दंष्ट्राकरालवदनं नूपुरारावसंकुलम्॥ २॥भुजंगमेखलं देवमग्निवर्ण शिरोरुहम् // दिगंबरं कु मारेशं बटुकाख्यं महाबलम् // 3 // खट्वांगमसिपाशं च शूलं दक्षिणभागतः // डमरूं च कपालं च वरदं भुजगं तथा // अग्निवर्णममो पतं सारमेयसमन्वितम् // 4 // इति ध्यात्वा मानसोपचारैः संपूजयेत // ततः पीठादौ रचिते सर्वतोभद्रमण्डले लिंगतोभद्रमंडले वा मंडूकादिपरत्वांतपीठदेवताः पद्धतिमार्गेण संस्थाप्य ॐ मं मंडकादिपरतत्वांतपीठदेवताभ्यो नमः // इति संपूज्य नव पीठशक्तीः पूजयेत् // तद्यथा-पूर्वादिक्रमेण / ॐ वां वामायै नमः // 3 // ॐ ज्ये ज्येष्ठायै नमः // 2 // ॐ रौं रौयै नमः॥३॥ ॐ कां काल्यै नमः॥४॥ ॐ For Private And Personal Use Only