________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir म. पू०.१ घृतेनैव दीपतत्रपदापयेत // 57 // नैलेनवाप्रकुर्वीतदीपदानविधानतः // बलिंन्यासविधिकत्वाध्यानकत्वायथोक्तयत् // 58 // श्रीपार्व // 228 // त्युवाच // भगवनकरुणासिंधोदीनबंधोजगद्गुरो // कृपांकत्वासमाख्याहित्ररेवपृथक्पृथक् // 59 / / साधकस्तुतथासिड्मिचिरेणैववि / वादति / / कालेनेहयथाल्पेनसाधकःसिद्धिमानुयात् // 60 // गोपनीयोनमंत्रोयंबटुकाख्योजगद्गुरो // तथानिरूपयविभोबालकोपियथा भित् // 61 // ईश्वर उवाच // शृणुदेविजगत्पूज्येन्यासबीजानिशोभने // प्रकटानियथाशश्वत्कथयामिहितायते / / 62 // // तत्रादावापदुद्धारकबटुकमंत्रयोगः।। (रुद्रयामले ) मंत्रो यथा-"ह्रौंबटुकायआपदुद्धारणायकुमकुरुवटुकायहीम्” इत्येकविंशत्यक्षा शिरो मंत्रः॥ अस्य विधानम् / आचम्य मूलेन प्राणानायम्य देशकालौ लंकीर्त्य श्रीमन्टुकभैरवदेवतापीतयेममाभुकमंत्रमियर्थ लक्षसंख्या पत्मकजप ( अथ वैकविंशतिलक्षात्मकजप) रूपपुरश्चरणमहंकरिष्ये // इति संकल्प्यभूतशुद्धिप्राणप्रतिष्ठांतर्भातृकाबहिमातृकासृधिस्थिति संहारमातृकान्यासं च सर्वदेवोपयोगिपद्धतिमार्गण कृत्वा प्रेतबीजायश्रीकंठादिकलामातृकान्यासांत सर्वन्यासं च पद्धतिमार्गेण कृत्वा / प्रयोगोक्तन्यासादिकं कुर्यात्॥तद्यथा / अस्य श्रीवटुकभैरवमंत्रस्य बृहदारण्य ऋषिः। अनुष्टुप्छन्दः। श्रीबटुकभैरवो देवता। ह्रीबीजम् / हीशक्तिः / ॐ कीलकम् / श्रीबटुकभैरवप्रीतये जपे विनियोगः // ॐ बृहदारण्यक्रपये नमः शिरसि // 1 // अनुप्छन्दसे नमः मुखे // 2 // श्रीबटुकभैरवदेवतायै नमः हृदि // 3 // ह्रींबीजाय नमः गुह्ये // 4 // ह्रीशक्तये नमः पादयोः // 5 // ॐ की 5 लकाय नमः नाभौ // 6 // विनियोगाय नमः सर्वांगे // 7 // इति ऋष्यादिन्यासः // ॐ ह्रीं वौं ईशानाय नमः अंगुष्ठयोः // 1 // ॐ हैं वैतत्पुरुषाय नमः तर्जन्योः॥ 2 // अघोराय नमः मन्यमयोः // 3 // ॐ ह्रीं वीवामदेवाय नमः अनामिकयोः // 4 // // 228 // For Private And Personal Use Only