________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir anii.-e- 4- -00 न्यसेन्महामतेबीजमातृकास्थानकेषुच // महासरस्वतीदेवीसद्यःसिद्धिप्रदायिका / / 38 / / महासरस्वतीबीजंकथितंदेवदुर्लभम् / / इसे न्यासाःसमाख्यातावटुकाराधने शिवे / / 39 / / सद्यःसिद्धिकरादेविभाग्यलायानसंशयः // न्यूनन्यासस्यकर्तायःसयोहानिमवामुयात् | // 40 / / एतस्मादधिकान्यासान्यस्तंचपीठन्यासकम् // यंत्रावरणन्यासंचपीठपूजाविधिचरेत् / / 41 // एवंन्यामत देविध्यायबटुक के भैरवम् // शुद्धस्फटिकसंकाशंद्विनेत्रोत्पलशोभितम् // 42 / / कुटिलालकसंवीतंचारुस्मेरमुखांबुजम् // नानारत्नमयैःकल्पःकिंकिणी ) जालनपुरैः॥ 43 / / दीशुक्लांबरावीतंद्विभुजंदक्षिणेकरे // त्रिशिखमव्यहस्तेचदधानंदंडमद्भुतम् / / 44 // वटुवेशधरंशं सात्त्विकं साधकःस्मरेत् // एवंध्यात्वायजेद्देवंशवेगीठेमुरेश्वरि // 45 // पात्रासादनशंखंचघंटाकलशस्थापनम् // विशेषार्घस्थापनवायंत्रस्थापन / मेवच // 46 // सतधातुमयेपीठेताम्रजेवापटेशुने // संस्थाप्यतत्रतयंत्रध्यात्वातत्रवटुंप्रिये // 47 // यथाकामंतथाध्यानंकारयेत्साध |कोत्तमः // कूरकार्येषुसर्वेषुध्यानंवैतामसंस्मृतम् / / 48 // वश्येविद्वेषणेस्तंभेराजसंध्यानमीरितम् / / सात्त्विकंशुभकार्यपध्यानभेदःसमीरितः // 49 // अन्येवैध्यानभेदाश्चस्तवराजेप्रकीर्तिताः // मूर्तिमूलेनसंकल्प्यतस्यामाबाहयेत्प्रभुः॥५०॥सद्योजातेनमंत्रेणमूलायेनचसुव्रते // सन्निधाप्याथमूलेनकेवलेनस्वमुद्रया // 51 // अघोरांतेनमूलेनसन्निरोधनमाचरेत् // मूलेनसंमुखीकुर्यादवगुंठ्याथमूलतः // 52 // पडंगैःशकलीकत्यामृतीकत्यचमूलतः // परमीकरणचैवस्वस्वमुद्राभिरर्चयेत् // 53 // एतत्संविधातव्यंततोध्यायेत्समाहितः // कृत्वामु| स्थापनंतस्यमुद्राःसंदर्शयेदथ // 54 // लिंगाद्याःपूर्वमुद्दिष्टायोनिमुद्रातांतिमा // तांदर्शयेत्तत्पुरुषमूलान्यांचमहेश्वरि // 55 // आस नायैश्चपुष्पांतैरुपचारैस्ततोर्चयेत् // ततो देवाज्ञयासम्यग्यजेदावरणदेवताः॥ 56 // मंत्राक्षराणांसंख्याकैस्तंतुभिर्ब्रह्मसूत्रजैः॥ वर्ति करवा 8 -08 For Private And Personal Use Only